SAMAR Missile Defense System: लद्दाख से सटे हिस्से में चीन की बढ़ती हिमाकतों को जवाब देने के लिए एक नया महारक्षक तैनात किया गया है. इस महारक्षक को खुद भारत ने बनाया है यानी ये मेड इन इंडिया है. और इस स्वदेशी फौलादी और बारूदी बॉडीगार्ड को चीन के सामने LAC पर तैनात कर दिया गया. इसके तैनात होने का मतलब है ड्रैगन पर डबल अटैक. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं आपको बताएंगे लेकिन ये भी तय है कि ये जहां चीन को सीधे संदेश है तो वहीं पाकिस्तान को भी साफ इशारा है कि हद में रहें.


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चीन से लेकर पाकिस्तान तक भारत ने दोनों के होश फाख्ता करने की पूरी तैयारी कर ली है. गर्दन ऊंची कर ली है और तनकर खड़ा हो गया है दुश्मन को मौत की नींद सुलाने के मिशन के लिए कि अगर गलती से भी गलती की हिमाकत की. जी हां. यही हिंदुस्तान का नया महारक्षक SAMAR यानि समर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम.


लद्दाख में किया गया तैनात


इसे भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन की चालबाजियों को सबक सिखाने के लिए तैनात कर दिया है. इसके प्रदर्शन के लिए भारतीय सेना ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें दूसरे हथियारों के साथ-साथ सीमा के महारक्षक यानि  समर वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम को भी दिखाया गया. इसके जरिए साफ संदेश दिया गया कि सरहद पार से उठने वाली गलत हरकत को खाक में मिलाने वाला महारक्षक तैनात हो गया है. 


क्या है समर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम


समर का मतलब है सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल फॉर एश्योर्ड रिटेलिएशन यानी SAMAR एयर डिफेंस सिस्टम. समर वायु रक्षा प्रणाली को भारतीय वायु सेना ने पुरानी रूसी मिसाइल R-73 और R-27 का इस्तेमाल कर मॉडिफाई किया और एयर डिफेंस सिस्टम विकसित किया. इन दोनों एयर टू एयर मिसाइल को सरफेस टू मिसाइल में बदलकर इस्तेमाल किया गया है. इसका मतलब ये नहीं है कि इसकी मारक क्षमता किसी से भी कमतर है. तय रेंज में अभी भी सबसे घातक हमलावरों में गिनी जाती हैं.


यानि दुश्मन ने इसकी रेंज में हरकत की और पलक झपकते ही वो खाक हो जाएगा. अब कैसे ये पलक झपकते दुश्मन को मार गिराएगा उसके लिए इसकी खूबी समझिए.


  • 12 से 40 किलोमीटर की रेंज में सटीक और विनाशक हमले की क्षमता

  • करीब 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमला करने में सक्षम 

  • मिसाइलों के साथ दूसरे हवाई खतरों से निपटने में भी सक्षम

  • हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स पर भी निशाने में माहिर 

  • खतरे के आधार पर सिंगल और डबल मिसाइल दागने की क्षमता 

  • ट्रक में फिट और उसी से लॉन्च किए जाने की क्षमता 

  • ट्रक में छिपाकर दुश्मन को चमका देने में सक्षम 

  • अतिरिक्त रडार और अतिरिक्त सिस्टम की जरूरत नहीं 

  • समर मिसाइल के दो तरह के वर्जन 

  • दोनों को दागने के लिए दो तरह के लॉन्चर 

  • लॉन्चिंग में कम समय और आसान 


लद्दाख से सटी सीमा के आसपास 10-25 किलोमीटर की रेंज में चीन घुसपैठ से लेकर छिटपुट हरकतें करता रहता है. वहीं सीमापार बैठकर वो भारत के खिलाफ साजिशें रच रहा है. अपना सैन्य ठिकाना मजबूत कर रहा है. ऐसे में भारत ने भी तय कर लिया है कि चीन को साधना है तो उसको उसी की भाषा वैसी ही तैयारी के साथ जवाब देना होगा. और इसी मिशन का एक हिस्सा है ये समर जो दुश्मन की तोड़ देता है कमर. 


समर एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम में लगने वाली दो अलग-अलग मिसाइलें हैं. इनमें से एक को समर 1 नाम दिया गया है तो दूसरी को समर 2.


दोनों में क्या अंतर है?


समर 1                                        समर 2
12 से 40 km       रेंज              12 से 40 km
105 kg              वजन             253 kg
 9.7 फीट           लंबाई            13.4 फीट
7.4 kg              वॉरहेड           39 kg
6.5 इंच             चौड़ाई            9.1 इंच 


इन दोनों ही मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए दो अलग अलग तरह के ट्रकों की जरूरत होती है. क्योंकि दोनों की क्षमता अलग अलग है. समर 2 कहीं ज्यादा घातक और मारक मिसाइल है, जो बड़े पैमाने पर बर्बादी फैलाने में सक्षम है.