केंद्र सरकार का महिलाओं को तोहफा! अब सिर्फ 1 रुपये में मिलेगा `सैनिटरी नैपकिंस`
प्रधानमंत्री (Prime Minister) के ऐलान के बाद, अब भारत में आज से सभी जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) पर सैनेटरी पैड (Sanitary pad) की कीमत बस 1 रुपए होगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री (Prime Minister) के ऐलान के बाद, अब भारत में आज से सभी जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) पर सैनेटरी पैड (Sanitary pad) की कीमत बस 1 रुपए होगी. 15 अगस्त को अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने ऐलान किया था कि अब भारत में महिलाओं को सैनेटरी नैपकिंस 2.50 की जगह 1 रुपए में उपलब्ध कराया जायेगा.
1 रुपए में बायोडिग्रेडेबल नैपकिन्स
प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद अब महिलाओं के स्वास्थ्य (Women Health) को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने अपने सभी जन औषधि केंद्रों में सैनेटरी नैपकिंस (Sanitary napkins) का दाम 1 रुपया कर दिया है. आज से सभी जन औषिधि केंद्रों पर सिर्फ 1 रुपये में सैनेटरी नैपकिंस खरीदे जा सकेंगे. अब तक 'सुविधा' के नाम से जन औषिधि केंद्रों में ये बायोडिग्रेडेबल नैपकिन्स'(Biodegradable napkins) 2.50 रुपए में मिलते थे जिनका दाम अब घटा कर 1 रुपया कर दिया गया है. अभी तक 4 नैपकिन्स का एक पैकेट 10 रुपये में मिलता था लेकिन अब इसको सिर्फ 4 रुपये में महिलाओं को उपलब्ध कराया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने किया था ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 15 अगस्त के अपने भाषण में सैनेटरी नैपकिन्स 1 रुपये में उपलब्ध कराने का ऐलान किया था. इस से पहले भाजपा ने 2019 के अपने 'घोषणापत्र' में भी इसका वादा किया था जिसको सरकार अब पूरा कर रही है. आज से 'सुविधा' के नाम से ये बायोडिग्रेडेबल नैपकिंस (Biodegradable napkins) देशभर में 5500 जन औषिधि केंद्रों में उपलब्ध कराए जाएंगे. पिछले एक साल में इन 'जन औषिधि केंद्रों' से 2.2 करोड़ नैपकिंस बेचे जा चुके हैं और ये माना जा रहा है कि दाम कम होने से इनकी बिक्री दोगुनी हो जाएगी.
भारत में 31.2 करोड़ महिलाएं अस्वस्थ
भारत में ऐसी 31.2 करोड़ महिलाएं हैं जिन्हें 'मासिक धर्म' संबंधी स्वच्छ और प्रभावी संरक्षण उपलब्ध नहीं है. देश में महिलाओं में सबसे ज्यादा बीमारियां उनके स्वच्छ नहीं रहने के कारन होती हैं. यहां तक कि भारत में 10 में से 9 महिलाओं को हर महीने अपने शारीरिक समस्या का सामना करना पड़ता है. साधन और आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से महिलाएं गंदे कपड़े या पुरानी पत्तियों जैसी नुकसानदेह चीजों का सहारा लेती हैं जिनसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती है.
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