भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज जंयती है. इस अवसर पर पूरा देश उन्हें याद करते हुए नमन अर्पित कर रहा है. बचपन से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक सरदार पटेल के जीवन के ऐसे कई किस्से हैं जो आज भी प्रेरणा के स्त्रोत हैं. लौह पुरुष के विचार भी उनकी मजबूत और साहस की ही एक झलक थे. आज भी यदि उनके विचारों को पढ़ा जाए तो उनके मजबूत व्यक्तिव की झलक साफ नजर आ जाती है. उनकी जयंती पर हम प्रस्तुत कर रहें हैं ऐसे ही पांच विचार जो आज भी व्यक्ति को प्रेरणा देते हैं.


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गीता में भगवान कृष्ण ने कर्म कौशल को योग रूप में समझाया है. अर्थात अपनी पूरी कुशलता, क्षमता के साथ दायित्व का निर्वाह करना चाहिए. सरदार पटेल ने आजीवन इसी आदर्श पर अमल किया.



ऐसा नहीं है कि सरदार पटेल के लौहपुरुष होने का परिचय आजादी के बाद उनके कार्यों से मिला, बल्कि यह उनके व्यक्तित्व की बड़ी विशेषता थी. इसका प्रभाव उनके प्रत्येक कार्य में दिखाई देता था.



संविधान निर्माण में भी उनका बड़ा योगदान था. इस तथ्य को डॉ. अंबेडकर भी स्वीकार करते थे. सरदार पटेल मूलाधिकारों पर बनी समिति के अध्यक्ष थे. इसमें भी उनके व्यापक ज्ञान की झलक मिलती है.



सरदार पटेल के पास धन-संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं था, लेकिन उनके प्रति देश की श्रद्धा और सम्मान का खजाना उतना ही समृद्धशाली था. वो एक ऐसे लौह पुरुष हैं जिनका देश सदैव आभारी रहेगा.