White Foam On Yamuna River: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौसम बदलने के साथ ही फिर से हवा और पानी के प्रदूषण की समस्या सामने आने लगी है. दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 230 यानी खराब श्रेणी में है. वहीं, हर साल की तरह यमुना नदी पर जहरीली सफेद झाग का कब्जा हो गया है. दिवाली और छठ से पहले दिल्ली में रहने वालों के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है.


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यमुना का झाग कब धुलेगा? वायरल वीडियो पर आम लोगों के सवाल


दिल्ली में ठंड के साथ बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच यमुना नदी पर सफेद झाग की डराने वाली तस्वीरें भी आने लगी हैं. सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी पर जहरीली झाग की मोटी परत का एक वीडियो वायरल हो रहा है. यमुना के पानी में तैरते जहरीले झाग को लेकर दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर कई सवाल खड़े किए जाने लगे हैं. लोग वायरल तस्वीरों और वीडिय को शेयर कर सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर यमुना नदी का झाग कब धुलेगा?


यमुना में कई जगहों पर जहरीली झाग के चलते नहीं दिख रहा पानी 


यमुना नदी की सतह पर जहरीली सफेद झाग की मोटी परत के चलते कई जगहों पर पानी का दिखना मुश्किल हो गया है. कालिंदी कुंज और ओखला बैराज के पास यमुना में बहते पानी को झाग की चादर ने ढंक लिया. हालांकि, मानसून के अलावा साल के नौ महीनों में यमुना नदी में ताजा पानी नहीं रहता, लेकिन मानसून के खत्म होते ही जहरीली झाग ने सबको चौंका दिया है. इससे पहले मानसून की शुरुआत में जुलाई महीने में भी यमुना में सफेद झाग की चादर देखी गई थी.



जहरीली सफेद झाग को कैसे कम या खत्म किया जा सकता है?


वैज्ञानिकों के मुताबिक, पेड़-पौधे या शैवालों वाली कार्बनिक झाग के मुकाबले साबुन और फैक्ट्रियों से निकलने वाला कचरा भी फास्फेट और नाइट्रेट की मात्रा बढ़ा देता है. इससे स्किन को काफी नुकसान पहुंचाता है. फॉस्फेट पानी की बूंदों के सतह का तनाव (सर्फेस टेंशन) कम कर देता है, इससे बड़े पैमाने पर झाग बनती है. यमुना में साबुन और बगैर फिल्टर वाला फैक्ट्री वेस्टेज फास्फेट कम करने से जहरीली सफेद झाग को कम किया जा सकता है.


यमुनोत्री से प्रयागराज तक यमुना में कालिंदी कुंज सबसे ज्यादा प्रदूषित


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की एक डिटेल्ड रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड स्थित यमुनोत्री से लेकर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तक यमुना नदी की कुल लंबाई करीब 1,370 किलोमीटर है. इसमें से पल्ला से कालिंदी कुंज की लंबाई 54 और वजीराबाद से कालिंदी कुंज का हिस्सा 22 किलोमीटर है. यह यमुना नदी की पूरी लंबाई का सिर्फ दो फीसदी है, लेकिन इसी हिस्से में करीब 76 फीसदी जल प्रदूषण होता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिल्ली में यमुना नदी के कालिंदी कुंज वाले हिस्से में सबसे ज्यादा प्रदूषण रहता है. 


AAP सरकार और अरविंद केजरीवाल पर हमलावर हुई भाजपा


दिल्ली में वायु और जल प्रदूषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है. भाजपा ने कहा है कि आप सरकार का प्रदूषण कम करने का कोई इरादा नहीं है. वह इस मुद्दे पर सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलती है. भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "पिछले 10 सालों से दिल्ली में काबिज आप सरकार का प्रदूषण कम करने का कोई इरादा नहीं है... प्रदूषण फिर से खतरनाक होता जा रहा है. नदी और हवा प्रदूषित हो रही है. लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है."


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दिल्ली में 4-5 महीने बाद विधानसभा चुनाव, क्या प्रदूषण बनेगा मुद्दा?


उन्होंने आगे कहा, "यह तो बस शुरुआत है... 4-5 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं, मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे भाजपा को दिल्ली को फिर से दिल्ली बनाने का मौका दें... आप सरकार तब जागती है जब कोई समस्या होती है. दिल्ली की समस्याएं उसी दिन हल हो जाएंगी जिस दिन वे समस्या आने से पहले जागना शुरू कर देंगे..." भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी आप सरकार और केजरीवाल को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कसूरवार ठहराया. उन्होंने कहा कि 10 साल में न तो यमुना साफ हुईं और नहीं दिल्ली को गैस चैंबर बनने से बचाया जा सका है.


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