SCO Summit: भारत-पाकिस्तान रिश्तों में आएगी नरमी! जल्द हो सकती है PM मोदी और शहबाज की मुलाकात
PM Modi-Shehbaz Meeting: उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में होने वाले एससीओ वार्षिक शिखर सम्मेलन (SCO Summit) में भारत और पाकिस्तान दोनों के प्रधानमंत्री पहुंच सकते हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों की मुलाकात भी होगी.
SCO Summit 2022: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की मुलाकात हो सकती है. उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में सितंबर में दोनों एक साथ होंगे. बता दें कि इस बार शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) का वार्षिक शिखर सम्मेलन 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में होने जा रहा है. इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ दोनों को आमंत्रित किया गया है और माना जा रहा है कि दोनों प्रधानमंत्री इस दौरान एक-दूसरे से मिल सकते हैं.
SCO Summit में शामिल हो सकते हैं पीएम मोदी
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के महासचिव झांग मिंग ने 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में होने वाले एससीओ वार्षिक शिखर सम्मेलन (SCO Summit) में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को न्यौता दिया है और टॉप सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि दोनों ही प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.
पिछले 6 साल में यह पहली बार होगा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक छत के नीचे एक साथ मौजूद होंगे और एक-दूसरे से मुलाकात करेंगे. Highly Placed Diplomatic Sources ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि पीएम मोदी और शहबाज के बीच मुलाकात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों दो दिनों के लिए एक ही परिसर में रहेंगे.
नहीं हुई अब तक कोई बैठक
राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, दोनों की अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है और उम्मीद है कि दोनों ही देशों की सकारात्मक पहल के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात हो सकती है.
क्या है SCO Summit का एजेंडा?
चीन, पाकिस्तान, रूस, भारत, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन के परमानेंट मेंबर हैं. SCO समिट ग्रुप के नए अध्यक्ष ने अपनी प्राथमिकताओं और कार्यों को पहले ही रेखांकित कर दिया है. इनमें संगठन की क्षमता और अधिकार बढ़ाने, क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने, गरीबी कम करने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास शामिल हैं.
युद्ध के बीच भारत-चीन और रूस पहली बार एक साथ एक मंच पर
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है और इसी दौरान इस सम्मेलन में भारत, चीन और रूस की एक ही मंच पर मुलाकात होने जा रही है और इस बैठक में ये तीनों देश युद्ध को लेकर क्या कुछ कहने जा रहे हैं इसपर पूरी दुनिया की नजर होगी.
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