श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. इस साल सेना (Army) और सुरक्षाबलों (Security Forces)  को बड़ी कामयाबी मिली है. 1 जनवरी से लेकर 30 सितंबर तक के आंकड़ो के मुताबिक प्रदेश में अब तक 117 आतंकियो को मुठभेड़ (Encounter) में मार गिराया गया है. ऑपरेशन ऑलआउट जैसी तैयारियों के बीच 254 आतंकियो को गिरफ्तार भी किया गया है.


छोटे हथियारों पर बढ़ा आतंकियों का भरोसा


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सरकारी आंकड़ो के मुताबिक इस साल आंतकवादियों के पास से 105 AK-47 राइफल, 126 पिस्टल और 276 हैंड ग्रेनेड बरामद हुए हैं. वहीं आतंकियों के पास से 126 पिस्टल मिलने से साफ पता चलता है कि आतंकवादी अब हमले के लिए पिस्टल जैसे छोटे हथियार का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.


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क्या कहते हैं आंकड़े?


जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल 2020 में आतंकियों के पास से कुल 163 पिस्टल (Pistol) बरामद हुई थीं. इसी तरह साल 2019 में 48 और 2018 में कुल 27 पिस्टल आतंकियो से जब्त की गईं थीं. वहीं इस साल अभी तक 38 ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आतंकवादी, सुरक्षा बलों पर अचानक हमला बोल कर मौका ए वारदात से फरार हो गए.


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आतंकवादियों का सफाया जारी


इस बीच कश्मीर के बांदीपुरा में सोमवार को मुठभेड़ के दौरान एक आंतकी को मार गिराया गया है. कश्मीर के पुलिस आईजी विजय कुमार ने सोमवार को कहा कि बांदीपुरा में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आंतकी हाल में शाहगुंड में सुमो ड्राइवर की हत्या में शामिल था. इस सिलसिले में जारी किए गए एक ट्वीट के मुताबिक मारे गए आतंकियों की पहचान इम्तियाज अहमद डार के तौर पर हुई, जो कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा (LeT) से जुड़ा था. 


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