नई दिल्ली: भारत में आज भी महिलाओं के शरीर से जुड़ी समस्याओं और समलैंगिक संबंध जैसे विषयों पर बात करने में संकोच और झिझक महसूस की जाती है. इन मुद्दों को लेकर फैल रही जागरूकता के बीच लोग खुल कर अपने मन की बात रख रहे हैं. वहीं हालिया आंकड़ों के मुताबिक देश में सेक्स चेंज सर्जरी (Sex Change Surgeries In India) करवाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. यानी कई लोग सेक्स चेंज कराकर महिला से पुरुष और पुरुष से महिला बन रहे हैं.


समाज में आ रहा बदलाव?


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ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या वाकई ऐसे मामलों को लेकर रूढिवादी लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है. देश में ऐसी सबसे ज्यादा सर्जरी वाले मामले केरल (Kerala) में सामने आ रहे हैं. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मातहत आने वाले विभाग के आंकड़ों के मुताबिक ऐसी सर्जरी कराने का चलन तेजी से बढ़ा है. विभाग के अधिकारी ऐसे मामलों पर नजर रखते हैं. दरअसल सेक्स चेंज सर्जरी कराने वालों की मानसिक और शारीरिक फिटनेस सुनिश्चित करने के प्रस्ताव के अलावा, यही विभाग सर्जरी से पहले और बाद में छह महीने के लिए काउंसलिंग की भी सलाह देता है.


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मेल से फीमेल बनने वालों की संख्या ज्यादा


आंकड़ों के मुताबिक साल 2018-19 में 11 ट्रांस महिलाओं समेत सिर्फ 19 ट्रांसजेंडर लोगों को सरकारी सहायता मिली. वहीं 2021 में अब तक 41 ट्रांस महिलाओं सहित ऐसी सर्जरी कराने वालों की संख्या बढ़कर 83 हो गई है. साल 2018 से सहायता प्राप्त करने वाले कुल 191 ट्रांसजेंडर लोगों में से 127 ट्रांस महिलाएं और 64 ट्रांस पुरुष हैं. इससे साफ है कि मेल से फीमेल बनने वालों की संख्या ज्यादा है.


टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक महिला से पुरुष बनने में सर्जरी का खर्च ज्यादा होता है. इसमें कई जटिलताएं होती है, जिसमें लिंग का निर्माण होने पर फैलोप्लास्टी करनी पड़ती है. वहीं ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों का कहना है कि महिला से पुरुष बनने वालों की संख्या कम है, क्योंकि इसमें सर्जिकल जटिलताएं ज्यादा हैं. वहीं परिवार वालों और समाज का व्यवहार भी ऐसे लोगों के प्रति ज्यादा खराब होता है.



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सरकार कराएगी स्टडी


केरल की सरकार इस तरह की सर्जरी के बाद उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का एक अध्ययन करने की योजना बना रही है. इसकी रिपोर्ट के मुताबिक योजना में बदलाव किया जाएगा. वहीं ट्रांसजेंडर सेल के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ऐसी सर्जरी के बाद ट्रांस महिलाओं के लिए विभाग 2.5 लाख रुपये और ट्रांस पुरुषों के लिए 5 लाख रुपये की मदद करती है.