SHALU Robot: क्या आपने कभी सोचा है की आपके बच्चों की क्लास टीचर एक रोबोट होगी, तो क्या होगा? ये बात सुनने में अजीब लग रही होगी, लेकिन बिल्कुल सच है. मुंबई के केंद्रीय स्कूल में इन दिनों एक रोबोट बच्चों की क्लास लेती है. इस रोबोट का नाम शालू है और बच्चों को ये खूब पसंद आ रही है. रोबो टीचर रोजाना बच्चों को पढ़ाती है और उनसे बात भी करती है. शालू की पाठशाला की हर तरफ चर्चा हो रही है.


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कुछ ही पलों में देती है सारे जवाब


जानकारी के अनुसार, ये रोबो टीचर बॉम्बे IIT के केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाती है. जब से शालू मैडम की क्लास शुरू हुई है तब से बच्चों की पढ़ाई में रुचि पहले से ज्यादा बढ़ गई है. साड़ी पहनकर बच्चों को पढ़ा रही शालू मैडम दरअसल कोई इंसान नही बल्कि एक रोबोट है और बच्चों को इनकी क्लास में पढ़ाई करने बेहद अच्छा लगा रहा है. बच्चे बताते हैं कि शालू की क्लास उन्हें किसी भी दूसरे टीचर से बेहतर लगता है और शालू उनके हर प्रश्न का उत्तर कुछ ही सेकंड्स में दे देती हैं.



स्कूल के टीचर ने किया है तैयार


आपको बता दें कि शालू नाम के इस रोबोट को केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक ने करीब 5 साल की मेहनत के बाद तैयार किया है. इस रोबोट को बनाने के लिए घर की खराब और भंगार चीजों का इस्तेमाल किया गया है. दुनिया के किसी भी रोबोट की तुलना में इसे बहुत ही कम खर्च में तैयार किया गया है. इसको तैयार करने वाले दिनेश पटेल शालू को अपनी बेटी मानते हैं.


38 भाषाओं में कर सकती है बात


शालू मैडम यानी इस रोबो टीचर में कई कमाल की खासियत हैं. रोबोट शालू बच्चों को 6 से ज्यादा सब्जेक्ट पढ़ा सकती है. ये रोबोट भारत में बोली जाने वाली 9 भाषाओ में पढ़ा सकती है. वहीं, दुनिया के 38 भाषा में बात कर सकती है. पढ़ाई के दौरान बच्चो के सवालों का जवाब भी शालू तुरंत देती है.


47 भाषाओं में पढ़ाने वाली पहली रोबोट


शालू नाम की ये रोबोट 47 भाषाओं में पढ़ाने वाली दुनिया की पहली रोबोट है. हमारे देश में रोबोट से क्लास में पढ़ाई का चलन  तो अभी शुरू नहीं हुआ है लेकिन दुनिया के कई देशों में रोबोट द्वारा क्लास में पढ़ाया जाता है. आने वाले समय में हिंदुस्तान में भी रोबोट की पाठशाला शुरू होने की ढेरो संभावनाएं नजर आती है.



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