अहमदाबाद: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला मंगलवर को एनसीपी में शामिल हो गए. शरद पवार ने उनको राष्ट्रीय महामंत्री बनाया है. गुजरात में 'बापू' के नाम से जाने वाले आरएसएस के स्वयंसेवक रह चुके शंकर सिंह वाघेला पहले भारतीय जनता पार्टी में रहे लेकिन पार्टी ने उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो बग़ावत करके कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के मुख्यमंत्री बने. बापू ने राष्ट्रीय जनता पार्टी की स्थापना की थी लेकिन उसका विलय कांग्रेस में कर लिया.  


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एनसीपी में जुड़ने के बाद बापू ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा कि बीजेपी सरकार अभी आईसीयू में है. देश की आजादी के लिए लड़ने वाले लोग मिश्न के लिए लड़ते थे, आज कमीशन वाले हैं. बापू ने यह भी कहा कि पावर सेंटर में रहना चाहता तो शुरू से कांग्रेस में जुड़ता लेकिन मैं इसके लिए राजनीति में नहीं आया. 


गुजरात के राजनीतिक दिग्गजों में शुमार शंकर सिंह वाघेला ने आज अपनी नई सियासी पारी एनसीपी के साथ शुरू की. वाघेला गुजरात के 12वें मुख्यमंत्री थे. संघ के बाद गुजरात भाजपा के उपाध्याक्ष महामंत्री जैसे अलग पद पर बापू रहे. बीजेपी की ओर से वह लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी रहे लेकिन वर्ष 1996 में गुजरात बीजेपी में चल रही आंतरिक खींचताम के बाद पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो बग़ावत करके कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के मुख्यमंत्री बने. उन्होंने राष्ट्रीय जनता पार्टी की भी स्थापना की पर न तो पार्टी चली और न बापू की सरकार चली. आखिरकार, बापू ने 1998 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया. 


वर्ष 2009 में हुए लोकसभा के चुनाव में बापू कपडवंज से सांसद चुने गए. दूसरी बार सांसद बनने पर बापू यूपीए-II सरकार में कपड़ा मंत्री बने. 2009 के लोकसभा के चुनावों में हार के बाद बापू ने अपना ध्यान गुजरात में केंद्रित किया. 2012 में कपडवंज से विधायक बनकर विपक्ष के नेता बने पर साल 2017 में कांग्रेस से बग़ावत की और राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल को वोट न देकर कोग्रेस छोड़ दी. 2017 के चुनावों से पहले बापू ने जन विकल्प नामक संगठन के ज़रिये राजनीति करनी चाही पर वो सफल नहीं हुए.


अब जब लोकसभा 2019 का चुनाव सिर पर है तो 'बापू' ने फिर एक बार दलबदल किया और एनसीपी का दामन थामा. आज अहमदाबाद के ताज होटल में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की उपस्थिति में एनसीपी का दामन थाम लिया. इस मौक़े पर गुजरात एनसीपी के प्रभारी प्रफुल्ल पटेल और गुजरात एनसीपी के अध्यक्ष जयंत बोस्की मौजूद रहे. इस मौक़े पर शरद पवार ने कहा कि बापू के एनसीपी में आने से गुजरात में एनसीपी को उनका मार्गदर्शन मिलेगा. साथ में, राष्ट्रीय स्तर पर भी लाभ मिलेगा. एक ऐसे नेता की ज़रूरत थी जो सबको साथ लेकर चले, वो ज़िम्मेवारी शंकरसिंह को दी है. 


इस मौके पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "वाघेला का शरद पवार और मेरे साथ सालों से संबंध है. बापू की और शरद पवार की कार्यशैली एक सी है. उनकी लोकप्रियता है इसलिए भी लोग उनको 'बापू' बोलते हैं. देश में जो परिवर्तन की प्रक्रिया चल रही है. उसमें बापू का भी सहयोग मिले. बापू इसलिए कांग्रेस से अलग हुए थे कि कांग्रेस की रणनीति जीतने की नहीं थी. मुझे इस बात की ख़ुशी है कि बापू और पवार साहब ने साथ काम करने का फ़ैसला किया."