Ajit Pawar and Sharad Pawar: एनसीपी (एसपी) नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य शरद पवार आज 84 वर्ष के हो गए हैं. सुबह-सुबह उनके नई दिल्‍ली स्थित आवास पर ढेर सारे लोग उनको बर्थडे विश करने पहुंचे. उनमें सबसे खास मेहमान महाराष्‍ट्र के डिप्‍टी सीएम अजित पवार रहे. भतीजे अजित पत्‍नी सुनेत्रा पवार और अपनी पार्टी के अन्‍य वरिष्‍ठ नेताओं प्रफुल पटेल, छगन भुजबल के साथ चाचा शरद पवार को जन्‍मदिन पर विश करने के लिए पहुंचे. इस बीच एक खबर ये भी आ रही है कि सुनेत्रा पवार को शरद पवार के ठीक सामने वाला बंगला आवंटित किया गया है. सुनेत्रा को सोनिया गांधी के पड़ोस में 11 जनपथ बंगला आवंटित किया गया है. शरद पवार का बंगला ठीक सामने 6 जनपथ है. 


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मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी खबरें आ रही हैं कि आज दिल्‍ली में ही शरद पवार के जन्‍मदिन पर शाम को एक छोटी डिनर पार्टी रखी गई है. उसमें भी अजित पवार शिरकत करेंगे. हिंदुस्‍तान टाइम्‍स अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केवल करीबी मित्रों को ही बुलाया गया है. अजित पवार के सहयोगी ने अखबार को कंफर्म करते हुए कहा कि डिप्‍टी सीएम जरूर शिरकत करेंगे. पत्‍नी सुनेत्रा पवार जाएंगी या नहीं इसको लेकर पुष्टि नहीं हो सकी. सूत्रों के मुताबिक गेस्‍ट लिस्‍ट में फारुक अब्‍दुल्‍ला और शिवसेना राज्‍यसभा सदस्‍य मिलिंद देवड़ा भी शामिल हैं. 



उल्‍लेखनीय है कि एनसीपी में टूट के बाद शरद और अजित पवार के बीच एक साल से अधिक वक्‍त के बाद ये पहली मुलाकात है. पिछले साल दिवाली में अजित पवार मिलने उनके घर गए थे लेकिन इस साल राज्‍य में हो रहे विधानसभा चुनावों के चलते दिवाली के मौके पर नहीं पहुंचे. 


लोकसभा चुनावों में अजित पवार ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्‍नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन वो हार गईं. बाद में सुनेत्रा पवार को राज्‍यसभा भेजा गया. उसके बाद विधानसभा चुनाव में बारामती से ही शरद पवार ने अपनी पार्टी की तरफ से अजित के भतीजे युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा. युगेंद्र एक लाख से अधिक वोटों से हार गए.


इन सबके बीच आज अजित पवार के शरद पवार के घर जाने से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह चाचा के साथ संबंध सुधारने को इच्‍छुक हैं. सियासत और परिवार को आपस में मिक्‍स नहीं करना चाहते. उन्‍होंने चुनाव प्रचार के दौरान भी शरद पवार के खिलाफ कोई पर्सनल कमेंट नहीं किया. ऐसा करने वालों को फटकार भी लगाई. उन्‍होंने अपनी पार्टी के नेताओं को स्‍पष्‍ट कर दिया था कि शरद पवार को लक्षित कोई बयानबाजी बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी. यहां तक कि उन्‍होंने विधानसभा चुनावों के दौरान बहन सुप्रिया के खिलाफ सुनेत्रा को लड़ाने पर भी खेद व्‍यक्‍त किया था. उन्‍होंने सावर्जनिक तौर पर इसको गलती माना था और कहा था कि परिवार के लोगों को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए था. 


इन सबको देखते हुए सियासी जानकार फिर से ये कहने लगे हैं कि क्‍या अब चाचा-भतीजा फिर से एक होने की राह पर हैं? क्‍या ऐसा होना संभव है? हालांकि शरद पवार ने अभी तक यही कहा है कि इस तरह की कोई योजना भविष्‍य में नहीं है. लेकिन चाचा-भतीजे की मुलाकात के बाद महाराष्‍ट्र में एनसीपी के दोनों धड़ों की सियासत किस करवट पलटेगी ये देखने वाली बात होगी.