Supreme Court Real NCP Case: शरद पवार को आज सुप्रीम कोर्ट से काफी उम्मीदें होंगी. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग ने उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी घोषित कर दिया है. इसके बाद पवार की पॉलिटिक्स खतरे में पढ़ गई है. यह भी खबरें आईं कि वह कांग्रेस में विलय कर सकते हैं. हो सकता है वह आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले की राह देख रहे हों. जी हां, चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली शरद पवार की याचिका पर आज देश की सबसे बड़ी अदालत सुनवाई करने वाली है. 


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जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ आज पवार की याचिका पर सुनवाई कर सकती है. इससे पहले 16 फरवरी को शीर्ष अदालत ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी. चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली NCP है. आयोग ने अजित के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' भी आवंटित कर दिया था. 


आज राहत नहीं मिली तो...


इसके बाद शरद पवार ने ताबड़तोड़ कई बैठकें कीं. कांग्रेस के नेताओं के साथ भी उनकी बातचीत हुई. ऐसे में खबरें उड़ने लगीं कि वह कांग्रेस में विलय के बारे में सोच रहे हैं. सुप्रिया सुले ने इससे साफ इनकार किया. हालांकि पवार की एक अहम बैठक में इस बात पर चर्चा जरूर हुई है कि अगर आज सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो आगे क्या करना चाहिए? 


1. क्या पवार को नई पार्टी बनानी चाहिए? 
2. लोकसभा चुनाव की रणनीति क्या होगी? कांग्रेस और उद्धव ठाकरे वाले शिवसेना गुट के साथ सीट शेयरिंग कैसे होगी? 
3. अगर नया चुनाव चिन्ह मिलता है तो क्या चुनाव से पहले तक यह लोगों तक पहुंच सकेगा? हां, यह पवार की सबसे बड़ी टेंशन है क्योंकि जनता को पता ही नहीं चलेगा तो लोग उनके सिंबल पर वोट कैसे करेंगे?
4. सबसे बड़ा सवाल वही है जिसकी अटकलें लगाई जा रही हैं. क्या पवार को आने वाला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के चिन्ह पर लड़ना चाहिए? कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वह जो भी निर्णय लेंगे उसका स्वागत है. शायद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है.