Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को विचारधारा के लिए समर्पण को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ की. उन्होंने अपनी पार्टी से कहा कि वे भी समाज सुधारकों शाहू महाराज, महात्मा फुले, बी आर आंबेडकर और राजनीतिक दिग्गज यशवंतराव चव्हाण के प्रगतिशील विचारों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ अपने कार्यकर्ताओं का आधार तैयार करे. 


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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दक्षिण मुंबई में एक सभा में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं जो हिंदुत्व संगठन की विचारधारा के प्रति अटूट निष्ठा दिखाते हैं और किसी भी कीमत पर अपने रास्ते से विचलित नहीं होते.


'हमारे पास भी ऐसा काडर हो'


पवार ने कहा, 'हमारे पास भी ऐसा काडर आधार होना चाहिए जो छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा फुले, बीआर आंबेडकर और यशवंतराव चव्हाण की विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध हो.' उन्होंने महाराष्ट्र में नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की करारी हार के बारे में कहा, 'लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद हम लापरवाह हो गए थे, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन (भाजपा नीत महायुति) ने संसदीय चुनावों में अपनी हार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए.'


आरोपों को अजित पवार ने किया खारिज


दूसरी ओर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी के सहयोगी सुनील तटकरे ने शरद पवार गुट के सदस्यों को फोन कर पाला बदलने के लिए कहा था. एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री जितेन्द्र अव्हाड ने अपनी पार्टी के प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले का जिक्र करते हुए बुधवार को आरोप लगाया था कि अजित पवार की एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने प्रतिद्वंद्वी गुट के सांसदों से “बाप, बेटी को छोड़ने” के लिए कहा था.


ये सब झूठ है: अजित पवार


उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'यह सब झूठ है. तीन से चार सांसद (राकांपा-एसपी के) - नीलेश लंके, अमर काले और दो अन्य ने साफ किया है कि तटकरे या किसी अन्य ने उनसे संपर्क नहीं किया है. अगर ये लोग कह रहे हैं कि उन्हें कोई फोन कॉल नहीं आया, तो आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं.' तटकरे ने आरोपों से साफ इनकार किया और कहा कि ये बयान नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद अपने लोगों को एकजुट रखने की राकांपा (शरदचंद्र पवार) की एक कोशिश भर है.


(इनपुट-पीटीआई)