VIDEO: इस देश के तो 50 झंडे और 50 संविधान हैं... एक देश एक निशान पर थरूर की थ्योरी!
Shashi Tharoor on Amit Shah: संसद में गृह मंत्री अमित शाह के नेहरू सरकार की `गलतियों` पर दिए बयान से कांग्रेस नेता भड़क गए हैं. अब कांग्रेस लीडर शशि थरूर ने `एक निशान, एक संविधान` पर अपनी थ्योरी पेश की है.
Shashi Tharoor on Amit Shah in Parliament Winter Session 2023: संसद में जम्मू कश्मीर पर 2 विधेयकों पर चर्चा के दौरान 'एक निशान, एक संविधान' पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान कांग्रेस को चुभ गया है. पार्टी नेता शशि थरूर ने इस पर अपनी आपत्ति जताई है. कांग्रेस नेता ने कहा है कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जिनके पास एक से ज्यादा संविधान और निशान हैं. ऐसे में यह कहना कि दुनिया में ऐसा कहीं नहीं है, यह ठीक नहीं है.
'अमेरिका के पास कई संविधान'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा, '...कल गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था कि किसी देश में 1 से अधिक संविधान, 1 से अधिक ध्वज कैसे हो सकते हैं? अगर वे दुनिया भर में देखें तो ऐसे कई देश हैं जहां 1 से अधिक संविधान, 1 से अधिक ध्वज हैं. उदाहरण के लिए, अमेरिका के 50 राज्यों में हर एक का अपना संविधान और अपना ध्वज है. इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में उनके पास न केवल अपना संविधान है और अपना ध्वज है, बल्कि प्रत्येक राज्य का अपना प्रधानमंत्री भी है.
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा, 'आप कह सकते हैं कि भारत में हम ऐसा नहीं चाहते. यह ठीक है लेकिन यह मत कहिए कि किसी भी देश के पास यह नहीं हो सकता क्योंकि अन्य देशों के पास यह है.'
'राजनीतिक था श्यामा प्रसाद का नारा'
बताते चलें कि लोकसभा में मंगलवार को टीएमसी सांसद सौगत रॉय और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बीच बहस हो गई थी. यह बहस सौगत रॉय की एक टिप्पणी से शुरू हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का, 'एक संविधान, एक निशान और एक प्रधान' का नारा राजनीतिक था. इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं था. रॉय की इस टिप्पणी पर गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
उन्होंने कहा था कि किसी सार्वभौम देश में 2 प्रधान और 2 संविधान कैसे हो सकते हैं. किसी देश में 2 झंडे कैसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक नारा नहीं था बल्कि देश की जनता का संकल्प था. मोदी सरकार ने पिछले 70 साल से चली आ रही नेहरू सरकार की इस गलती को सुधारने का काम किया. अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वास्तविक रूप से उसका देश के साथ एकीकरण हो पाया. उससे पहले वहां अलग मुल्क जैसा अहसास होता था. सोशल मीडिया में गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान वायरल हो गया था. लोगों ने इस बयान को सराहते हुए देश में एक संविधान, एक निशान और एक झंडे की पैरवी की.
'नेहरू को गाली देना बीजेपी का आदर्श'
वहीं गृह मंत्री के संबोधन में नेहरू सरकार का नाम आते ही कांग्रेस भड़क गई है. केवल शशि थरूर (Shashi Tharoor) ही नहीं बल्कि दूसरे नेता भी अमित शाह पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, 'नेहरू को गाली देना बीजेपी का आदर्श बन गया है. उस समय कितने टैंक थे, पैदल सेना थी. उस समय क्या स्थिति थी. आज आप कुछ भी बोलें, कश्मीर आज भारत के साथ है तो वो नेहरू के कारण है.
प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार के दावों पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार ने वादा किया कि आतंकवाद का रूका हुआ काला धन वापस आएगा. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 लागू होने के बाद आतंकवाद रूक जाएगा. नोटबंदी के वक्त भी कहा गया था कि आतंकवाद रूक जाएगा. लेकिन क्या आंतकवाद रूका, नहीं. सरकार हर वादे को पूरा करने में विफल रही है.'
'नेहरू पटेल का कर रहे अपमान'
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने भी गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर अपनी भड़ास निकाली. गोहिल ने कहा, 'इतिहास को सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है. नेहरू पटेल का अपमान वाली भाषा बोलने का किसी को अधिकार नही है. जो फर्जी डिग्रियां और whatsapp इतिहास को पढते हैं, वही नेहरू पटेल का अपमान कर रहे हैं. उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए. ये लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन उनका चाल-चलन कुछ और है.'