Why Sanjay Raut Points To Atal Bihari Vajpayee: महाराष्ट्र की बड़ी पार्टी और कई बार सरकार बना या उसमें शामिल रह चुकी पार्टी शिवसेना राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं पहुंची? इस सवाल के जवाब में शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) के नेता संजय राउत ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित भाजपा के दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की ओर इशारा करते हुए बड़ा दावा किया है.


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शिवसेना राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तैयार थी, एक फोन कॉल से थमे कदम


शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने एनडीटीवी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में अपनी पार्टी और पूर्व सहयोगी भाजपा के बीच आपसी सम्मान के दौर को याद किया. उन्होंने इस दौरान दावा किया कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के सबसे बड़े नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के अनुरोध पर महाराष्ट्र के बाहर अपनी पार्टी का विस्तार रोक दिया था. राउत ने कहा कि उस समय शिवसेना राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तैयार थी और उसने ऐसा करने के लिए कदम भी उठाए थे, लेकिन एक फोन कॉल के बाद इसे रोक दिया गया.


'अयोध्या आंदोलन के बाद हिंदी भाषी राज्यों में थी बालासाहेब के लिए लहर'


संजय राउत ने कहा, "हमारा भाजपा के साथ गठबंधन था. खासकर अयोध्या आंदोलन के बाद हिंदी भाषी राज्यों में बालासाहेब के लिए लहर थी. हम 1992 में चुनाव भी लड़ने वाले थे. हमें अच्छा समर्थन मिल रहा था." राउत ने उस समय को याद करते हुए दोहराया, "बालासाहेब ठाकरे हिंदुओं के बड़े नेता थे. वे देश भर में सुपरस्टार बन चुके थे, लेकिन जब उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, तो उन्हें अटल जी का फोन आया. उनसे कहा गया कि 'बालासाहेब, अगर आप चुनाव लड़ेंगे, तो हमारे वोट बंट जाएंगे. एक बार फिर हमें नुकसान होगा.' इसके बाद बालासाहेब ने फैसला किया कि शिवसेना अन्य राज्यों में चुनाव नहीं लड़ेगी."


'अगर हम चुनाव लड़ते, तो महाराष्ट्र के बाहर से 10-15 नेता चुनकर आते'


संजय राउत ने दावा करते हुए कहा, "बालासाहेब ने हमें बताया कि अटल जी ने हमें बुलाया है, हमें उनका सम्मान करना चाहिए, इसलिए हम चुनाव नहीं लड़ेंगे. अगर हम चुनाव लड़ते, तो हमारे 10-15 नेता महाराष्ट्र के बाहर से चुनकर आते." संजय राउत ने आगे कहा कि अब भी दूसरे राज्यों में छोटे-बड़े कार्यकर्ता पार्टी में शामिल होते हैं, लेकिन शिवसेना को कोई बड़ा नेता नहीं है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार हो.


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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान से पहले सनसनीखेज दावा


संजय राउत का यह सनसनीखेज दावे से भरा बयान महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान से ठीक पहले आया है. दशकों से सहयोगी रहे शिवसेना और भाजपा में दरार आ चुकी है और कहा जाता है कि भाजपा ने ही शिवसेना में फूट पैदा की और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट के साथ मिलकर सत्ता में वापसी की. महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद बालासाहेब ठाकरे की विरासत के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे को ऐसे शख्स के रूप में प्रचारित किया है, जिसने सत्ता हासिल करने के लिए शिवसेना की मूल विचारधारा को छोड़ दिया है.


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