Sanjay Raut Statement: शिवसेना (Shiv Sena) पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह का विवाद चुनाव आयोग के फैसले के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव आयोग (EC) शिवसेना पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह धनुष बाण सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को देने का फैसला कर चुका है. शिवसेना ईसी के इस फैसले को मानने को तैयार नहीं है. शिवसेना ईसी के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएगी. ईसी के निर्णय के विरुद्ध याचिका दाखिल करेगी. इस बीच, शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने बड़ा आरोप लगाते हुए पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के लिए 2000 करोड़ रुपये की डील होने की बात की है. संजय राउत ने कहा है कि आगे भी वह और बड़े खुलासे करेंगे.


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संजय राउत का बड़ा दावा


संजय राउत ने ट्वीट किया, मुझे यकीन है चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं. यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है. जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था.



राउत ने बताया- राजनीतिक हिंसा


इससे पहले संजय राउत ने ईसी के इस निर्णय को एक तरह की राजनीतिक हिंसा बताया था. उन्होंने कहा था कि इसका उद्देश्य दल को खत्म करना है. सभी राजनीतिक पार्टियों को ईसी से पॉलिटिकल पार्टी की परिभाषा पूछने की जरूरत है. पार्टी और कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे के साथ हैं. कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.


बाल ठाकरे ने की थी शिवसेना की स्थापना


गौरतलब है कि शिवसेना की स्थापना 1966 में उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे ने की थी. एकनाथ शिंदे ने जून, 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी और बीजेपी के साथ गठबंधन करके महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी.


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