MCD elections 2023: महाराष्ट्र की राजनीति में नए सियासी घटनाक्रम ने सभी को चौंका दिया है. हाथ से सत्ता जाने के बाद उद्धव ठाकरे पार्टी को मजबूत करने में जुट गए हैं. इस क्रम में उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की अध्यक्षता वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ हाथ मिला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को वंचित बहुजन अघाड़ी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया.


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शिव शक्ति-भीम शक्ति ने मिलाया हाथ


राजनीति के विशेषज्ञों का मानना है कि शिव शक्ति और भीम शक्ति का गठबंधन कई आगामी चुनावों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है. जिसमें 2023 में बीएमसी चुनाव और 2024 में लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मुख्य रूप से शामिल हैं. इसके अलावा ये सियासी गठबंधन राज्य की राजनीति के साथ-साथ सामाजिक ताने-बाने को भी बदल सकता है.


क्या कहा प्रकाश अंबेडकर ने?


मीडिया रिपोर्ट्स में अंबेडकर के हवाले से कहा गया है कि यह ठाकरे का फैसला होगा कि वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन जारी रखेंगे या नहीं. या VBA को चौथे गठबंधन सहयोगी के रूप में लें, या फिर क्या शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए गठबंधन सहयोगी होंगे. रिपोर्ट में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और एनसीपी से जुड़े अपने एमवीए गठबंधन को प्रभावित किए बिना नए सहयोगियों को शामिल करने का फैसला किया है.


भाजपा के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किल


शिवसेना (यूबीटी)-वीबीए गठबंधन भाजपा के सत्तारूढ़ गठबंधन, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के नेतृत्व वाली रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के लिए चिंता का कारण है. अंबेडकर के साथ हाथ मिलाने के ठाकरे के कदम से एमवीए के पक्ष में ओबीसी, मराठी और दलित वोटों का एकीकरण हो सकता है. इतना ही नहीं ठाकरे के इस कदम के बाद भाजपा को ओबीसी वोट बटोरने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. वैसे भी मराठा वोट बैंक का झुकाव कांग्रेस-एनसीपी के स्थापित नेताओं की ओर रहा है.


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