Maharashtra: 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा ढह गई. अभी आठ महीने पहले 4 दिसंबर को ही पीएम मोदी ने इंडियन नेवी डे के दिन इस प्रतिमा का अनावरण किया था. और आठ महीने बाद शिवाजी महाराज की ये 35 फीट ऊंची प्रतिमा जमीन पर आ गई. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.


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शिवाजी महाराज की प्रतिमा कैसे गिर गई?


आप सोच रहे होंगे कि ये तो गजब ही हो गया.. आखिर" आठ महीने में ही शिवाजी महाराज की प्रतिमा कैसे गिर गई? क्या किसी ने साजिश रचकर प्रतिमा को गिराया है... क्या इस प्रतिमा पर कोई हमला हुआ है? नहीं ऐसा कुछ नहीं हुआ है. लेकिन हुआ क्या है ? आपका ये जानना जरूरी है.. वो 4 दिसंबर 2023 की तारीख थी. जब पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था. 26 अगस्त 2024 को शिवाजी महाराज की वही प्रतिमा धराशायी हो गई.


प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी ने किया था


सिर्फ शिवाजी के पैर टिके रह गए बाकी पूरी प्रतिमा ढह गई. सिर अलग हो गया.. हाथ अलग हो गये. शिवाजी महाराज के स्टैच्यू की तलवार भी छिटककर जमीन पर आ गिरी. अब सवाल ये है कि जिस प्रतिमा का अनावरण देश के प्रधानमंत्री ने आठ महीने पहले ही किया था..वो गिर कैसे गई. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शायद बनाने वालों को अंदाजा नहीं था कि वहां हवाएं इतनी तेज चलती हैं.


विपक्षा का हल्ला बोल


संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में इतनी तेज हवा चलती है क्या.. हवा उनके दिमाग में घुस गई है + सभी ठेकेदार मुख्यमंत्री के थे. अनंत दूबे ने कहा कि हमारे हीरो हैं.. प्रेरणा देते हैं.. उनके स्टैच्यू में भी इतना बड़ा घपला. नाना पटोले ने कहा कि कल जो घटना हुई, वह उनके भ्रष्टाचार के कारण है, चाहे यह सरकार केंद्र की हो या राज्य की, उन्हें भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं आता.


शिवाजी महाराज मराठी अस्मिता के नायक


शिवाजी महाराज मराठी अस्मिता के नायक हैं. उनके स्टैच्यू का गिरना मराठी मानुष के लिए बड़ा धक्का है. अब आरोप लग रहे हैं ये प्रतिमा जल्दबाजी में बनाई गई थी. इसकी मजबूती को नजरअंदाज किया गया था. लेकिन महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने इस आपदा को भी अवसर बना दिया है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री केसरकर ने कहा कि यहां प्रतिमा 28 फीट ऊंची थी लेकिन लोगों ने इसकी मांग की 100 फीट की प्रतिमा बनाई जानी चाहिए. मैं सीएम और डीसीएम से बात करूंगा, हमारे पास एस्टीमेट तैयार है. यह शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि होगी. शिंदे सरकार ने ऐलान कर दिया है कि अब शिवाजी महाराज की खंडित हो चुकी प्रतिमा की जगह 100 फीट की प्रतिमा बनाई जाएगी. इसे कहते हैं डैमेज कंट्रोल.


3600 करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से बनी थी प्रतिमा


लेकिन इस सवाल का जवाब कौन देगा कि जिस प्रतिमा का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था.. वो आठ महीने में गिर कैसे गई? उम्मीद है कि ये पर्दा सिर्फ टूटे हुए स्टैच्यू पर डलेगा. शिवाजी महाराज के स्टैच्यू बनाने में हुए भ्रष्टाचार के खेल पर नहीं. बात राजनीति की है ही नहीं.. बात तो ये है कि आखिर आठ महीने में शिवाजी महाराज का स्टैच्यू गिर कैसे गया? ये प्रतिमा 3600 करोड़ रुपये की भारी भरकम लागत से बनी थी. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. शिंदे सरकार कह रही है कि गिर चुकी प्रतिमा के स्थान पर अब सौ फीट ऊंची शिवाजी की प्रतिमा बनवाएगी. क्या ऐसा करके शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाने में करप्शन के सवालों से बचने की कोशिश की जा रही है?