मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में विपक्षी दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की तारीफ की है. सामना में लिखा गया कि फडणवीस आज भी उतने ही युवा और जुझारू हैं जितने कि वो मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए थे. फडणवीस का एक भावनात्मक और दिल को छू लेने वाला बयान सामने आया है. फडणवीस ने अपने खास सहयोगी गिरीश महाजन से कहा, ‘गिरीश अगर मुझे कोरोना आदि कुछ हो जाए तो मुझे सरकारी अस्पताल में ही भर्ती करवाना.’


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फडणवीस कई अस्पतालों में कोरोना सुविधा केंद्र का दौरा करते हैं और सरकार पर अपनी तोप दागते हैं. इससे प्रशासन की दौड़-भाग शुरू हो जाती है. कुल मिलाकर सरकार ने जो काम किए इस संदर्भ में फडणवीस पूरी तरह से संतुष्ट हैं और भविष्य में यदि उन्हें कोरोना हो ही गया तो किसी निजी अस्पताल में ना भेजते हुए सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाने का इच्छापत्र उन्होंने गिरीश महाजन को सौंप दिया है.


कुछ लोगों को ये भी फडणवीस का एक ‘स्टंट’ लग रहा है लेकिन उन्होंने अपनी सहज भावना व्यक्त की है. इसे स्टंट कहना ठीक नहीं है. फडणवीस की इस भावना की कद्र करनी चाहिए और महाराष्ट्र की जनता को उनकी पीठ थपथपानी चाहिए. फडणवीस ऐसा आत्मविश्वास, सरकार और हजारों कोरोना पीड़ितों को बल देने वाला है. इसके लिए विरोधी दल नेता देवेंद्र फडणवीस की जितनी प्रशंसा करें कम है, उनकी प्रशंसा करनी ही चाहिए. विरोधी दल का नेता संतुष्ट है राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को और क्या चाहिए?


ये भी पढ़े- क्राइम ब्रांच ने इंदौर से दबोचा गृह मंत्री का फर्जी निजी सचिव, जानें पूरा मामला


फडणवीस विरोधी दल नेता के रूप में उत्तम कार्य कर रहे हैं ये हमने ऐसा कई बार कहा है. क्या ये प्रशंसा नहीं है? ये तो सबसे बड़ी शाबाशी है. कोरोना के मामले में सरकारी तंत्र कैसे काम कर रहा है, उसे कहां काम करना चाहिए और कहां कमियां हैं? इसके लिए विरोधी दल नेता राज्य भर का दौरा कर रहे हैं. विरोधी दल नेता के पहुंचने के कारण प्रशासन गतिशील हो जाता है ऐसा हमारा अनुभव है.


फडणवीस के आरोपों और शाब्दिक तोपों को सकारात्मक दृष्टि से देखा जाए तो अच्छा होगा. हमारी ईश्वर चरणों में प्रार्थना है कि श्री फडणवीस को कोरोना ना हो, वो निरोगी रहें और दीर्घायु हों. उनके बाल-बच्चे और राजनीतिक बगलबच्चे भी सुखी रहें. विरोधी दल के नेता ने राज्य के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर विश्वास व्यक्त किया. उन्हें कुछ हो जाने पर सरकारी तंत्र उन्हें सुरक्षित रखेगा.