Vinesh Phogat Case: रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के मामले को लेकर शिवसेना ने भारतीय ओलंपिक असोसिएशन (आईओए) पर हमला बोला है और उसकी अध्यक्ष  पीटी ऊषा पर भी सवाल उठाए हैं. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय ओलंपिक असोसिएशन ने मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने में वह असफल रहा.


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दरअसल रविवार को पीटी ऊषा ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वजन कम करने की जिम्मेदारी खुद खिलाड़ी और कोच पर होती है. उन्होंने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन माना जा रहा है कि इशारों-इशारों में उन्होंने विनेश फोगाट को नसीहत दे दी है. 



शिवसेना ने बोला हमला


इसी बयान को लेकर चतुर्वेदी ने कहा, 'इंडियन ओलंपिक असोसिएशन की चेयरपर्सन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है. यह बात ध्यान में रखनी पड़ेगी कि इस ओलंपिक में भारत 72वें नंबर पर रहा है और एक भी गोल्ड उसे नहीं मिला. भारत के खाते में एक सिल्वर और 5 कांस्य पदक हैं. भारत का प्रदर्शन वैसा नहीं रहा, जैसा पिछले ओलंपिक में था. यह चिंताजनक है. जब विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराया गया था, तब इंडियन ओलंपिक असोसिएशन ने कहा था कि कैसे आईओए सपोर्ट स्टाफ ने कैसे रात में उनका वजन कम करने की कोशिश की, लेकिन कोशिशें असफल रहीं, जिस कारण से उनको डिस्क्वॉलिफाई किया गया. इसके बाद विनेश ने खुद ऊपरी स्तर पर इसे चुनौती दी कि उनको जॉइंट सिल्वर मिलना चाहिए क्योंकि तीन राउंड्स में वह क्लियर विनर थीं. इस मामले में भी इंडियन ओलंपिक असोसिएशन ने देरी से कदम उठाया, जो जगजाहिर है. सबको पता है. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि IOA ने बिल्कुल अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लिया है, ये कहकर कि IOA की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है, जो स्टाफ होता है, वो एक्सटर्नल सपोर्ट सिस्टम बनता है ना कि हर एक एथलीट के लिए सपोर्ट सिस्टम बना है.'


प्रियंका चतुर्वेदी ने पीटी ऊषा पर उठाए सवाल


प्रियंका ने आगे कहा, "यानी जब कोई मेडल जीतो तो इंडियन ओलंपिक असोसिएशन की तारीफ करो और हार जाओ तो IOA अपना पलड़ा झाड़ लेगा. अगर ओलंपिक में कोई विवाद हो जाता है, तो आपको खुद अपना देखना है. जो लेटर इस मामले में सामने आया है, वो बताता है कि कैसे विनेश ने अपनी पूरी लड़ाई अकेले लड़ी है. उनको अलग-थलग छोड़ दिया गया.'' 


'केंद्र सरकार ने नहीं दिया कोई सपोर्ट'


प्रियंका ने पूछा कि अगर ऐसा ही जापान या चीन के खिलाड़ियों के साथ हुआ होता तो क्या उस देश की सरकारें उनको उनके हाल पर छोड़ देतीं. पीटी ऊषा पर सवाल उठाते हुए प्रियंका ने कहा कि जब विनेश के मामले पर फैसला मंगलवार को आना है तो ऐसे वक्त पर ऊषा को यह बयान देने की क्या जरूरत थी. आप एक रेसलर का मनोबल तोड़ रहे हैं. क्या आने वाले समय में , इंडियन ओलंपिक असोसिएशन यह कह रहा है कि खिलाड़ी अपना सपोर्ट सिस्टम खुद लेकर जाएं, IOA की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. यह दुर्भाग्यपू्र्ण है. इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने भी अपनी ओर से कोई सपोर्ट नहीं दिया. 


शिवसेना सांसद ने कहा, 'मुझे याद आता है कि जब पीटी ऊषा जंतर-मंतर गई थीं, जिसमें विनेश फोगाट भी शामिल थीं, तब उन्होंने महिला खिलाड़ियों से कहा था कि आप लोग प्रदर्शन कर देश का नाम खराब कर रहे हो. ' उन्होंने कहा क्या ओलंपिक असोसिएशन में ऐसा शख्स नहीं होना चाहिए जो खिलाड़ियों को समझता हो, स्पोर्ट्स को समझता हो और जो सपोर्ट सिस्टम उनको चाहिए, वह उनको दे पाए. मैं पीटी ऊषा के बयान की निंदा करती हूं और केंद्र सरकार से पूछती हूं कि क्या वह भी इस बयान को मानते हैं.