Shraddha-Aftab Horror Story: ये कहानी है एक खुले विचारों की लड़की श्रद्धा की है, जो अपनी शर्तों पर जिंदगी जीना चाहती थी और जिसके कुछ सपने थे, हसरतें थी. वो पत्रकार बनकर दुनिया को रोज खबरें देना चाहती थी, लेकिन उसको क्या पता था कि उसकी एक पसंद उसको ही सबसे बड़ी खबर बना देगी. श्रद्धा ने जिसपर खुद से ज्यादा भरोसा किया, जिस पर उसने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया, आखिरकार उसने ही उसकी कहानी को एक हॉरर कथा में बदल कर रख दिया. श्रद्धा मर्डर केस में अब ड्रग्स का भी एंगल जुड़ गया और पुलिस अब इसको लेकर भी जांच कर रही है कि ड्रग्स पैडलिंग का हिस्सा बनने से इंकार करना तो श्रद्धा की मौत की वजह नहीं बना.


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श्रद्धा-आफताब के रिश्ते में खौफनाक साजिश


श्रद्धा और आफताब की इस दिल दहला देने वाली कहानी के फ्लैश बैक में जो खौफनाक साजिश छिपी थी, अब एक-एक कर वो दुनिया कर सामने आ रही है. आफताब पुलिस के सामने जो खुलासे कर रहा है, उसे सुनकर पुलिस भी सन्न है. पुलिस ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस केस को वो दो प्रेमी के रिश्तों में आई दरार की वजह से हुई हत्या मान कर चल रही थी, उसकी गहराई में कितना छल और फरेब था.


ऐसे शुरू हुई थी श्रद्धा और आफताब की लव स्टोरी


सूत्रों के मुताबिक, आफताब ने पुलिस के सामने बयां की अपनी और श्रद्धा की प्रेम कहानी के बारे में बताया कि बंबल डेटिंग ऐप के जरिए एक दूसरे के संपर्क में आने के बाद सिर्फ 20 से 25 दिनों के बाद ही दोनों लिव-इन-रिलेशन में मुंबई में रहने लगें. उस दौरान दोनों इतने करीब आ गए कि कुछ समय तक दोनों की जिंदगी में किसी दूसरे इंसान की जगह नहीं थी. महीनों से शुरू हुआ ये रिश्ता तीन साल तक चला.


श्रद्धा के पैसे पर आफताब की अय्याशी


सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धा और आफताब के रिश्ते में खटास आने की शुरुआत तब शुरू हुई, जब आफताब ने श्रद्धा की मां की मौत के बाद श्रद्धा को नॉमिनी के तौर पर मिले पैसे उधार के तौर पर लिए और उन पैसों को अपनी अय्याशी पर खर्च करने लगा. उसी दौरान आफताब काफी ज्यादा चरस और गांजा पीने लगा. श्रद्धा जब भी अपने पैसे आफताब से वापस मांगती, वो नशे में श्रद्धा के साथ मारपीट करना शुरू कर देता था. सूत्रों के मुताबिक, आफ़ताब ने श्रद्धा को भी नशे की लत लगा दी थी और यही वजह थी कि अक्सर नशा खरीदने के लिए वह श्रद्धा से पैसे भी मांगता था.


रिश्ते खराब होने के बाद रची हत्या की साजिश


मुंबई में जब श्रद्धा और आफताब के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे तो ये आफताब का ही प्लान का हिस्सा था कि वो उसकी हत्या कहीं दूर ले जाकर कर दे. बुरी तरह खराब हो चुके अपने रिश्तों को नए सिरे से शुरू करने के बहाने उसने मार्च के महीने में श्रद्धा को उत्तराखंड और हिमाचल के लंबे टूर पर चलने के लिए मनाया. दोनों, उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश घूमने के बाद हिमाचल के कसोल, मनाली और तोश गांव भी गए.


पहाड़ी से गिराकर मारने का बनाया था प्लान


सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धा और आफताब जब तोश की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग पर गए उस दौरान भी आफताब ने श्रद्धा को पहाड़ी से गिराकर मारने का सोचा था, लेकिन आफताब उस वक्त ये सोचकर रुक गया कि कहीं अगर श्रद्धा बच गई तो ये पकड़ा जाएगा. जिसके बाद ही इसने प्लानिंग की कि अब ये श्रद्धा का कत्ल कहीं ऐसी जगह पर जाकर करेगा जहां दोनों को कोई जानता ना हो.


ये आफताब की साजिश का ही हिस्सा था कि टूर के दौरान बद्री नाम के शख्स से मिलने के बाद वो 8 मई को दिल्ली आ गए. दिल्ली आने के बाद श्रद्धा की नौकरी नहीं लगी थी, इसलिए वो आफताब से अपने पैसे वपास मांगा करती थी, जबकि आफताब के खर्चे उसकी कमाई से कई ज्यादा थे. इसलिए, वो हमेशा कुछ दिन की मौहलत मांग लेता था.


दिल्ली आकर अपनी प्लानिंग को दिया अंजाम


18 मई की रात को भी श्रद्धा का आफताब से उसकी अय्याशी और पैसो का नशे और दूसरी लड़कियों पर खर्च करने को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद आफताब ने अपना आपा खो दिया और श्रद्धा को बुरी तरह पीटा. इसके बाद वह श्रद्धा की छाती पर बैठकर उसका गला घोंट दिया. जब उसने देखा कि श्रद्धा मर गई है तो उसने उसकी लाश को बाथरूम में छुपा दिया. 24 घंटे तक लाश को बाथरूम में छुपाया और उसी दौरान उसने गूगल पर लाश को ठिकाने लगाने के तरीकों को सर्च किया.


शव के 35 टुकड़े कहां-कहां फेंके?


आफताब से पुलिस को अंग्रेजी में दिए अपने बयान में अलग-अलग बातें बताई है. उससे अब ये पता चला है कि शुरुआत में आफताब ने महरौली के जंगलों में 3 अलग-अलग दिशाओं में शव के 35 टुकड़े फेंकने की बात कबूली थी, उसके अलग अब उसने बताया है कि उसने श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था. पुलिस के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर है कि उसने श्रद्धा के शरीर के टुकड़े कहां-कहां फेंके आफताब खुद नहीं जानता, क्योंकि वो दिल्ली की जगहों के बारे में ज्यादा नहीं जानता था. अब 6 महीने बाद उसको उन जगहों के बारे में नहीं पता है. कई जगहों पर वो बॉडी पार्ट्स को ले जाते वक़्त अपने ऊपर काफी ज्यादा परफ्यूम लगा कर जाता था ताकि बॉडी के पार्ट्स से बिल्कुल बदबू ना आ सके.


पुलिस अब ड्रग्स पैडलिंग एंगल पर भी कर रही जांच


दिल्ली पुलिस अब इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि कहीं ड्रग्स पैडलिंग का हिस्सा बनने से इंकार करना तो श्रद्धा की मौत की वजह नहीं बना. हिमाचल प्रदेश के तोश में जांच करने के बाद पुलिस को कुछ अहम इनपुट मिले हैं. पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है कि क्या आपताब एक बड़ा ड्रग्स सिंडिकेट खड़ा करना चाहता था. क्या अपने प्यार के जाल में फंसाकर लड़कियों से ड्रग्स की तस्करी कराना चाहता था.


पुलिस तोड़ने में लगी है हिमाचल के 'तोश का तिलिस्म'


पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है और जिन-जिन जगहों पर जाकर जांच कर रही है, उसके बाद नए-नए एंगल भी खुलकर सामने आ रहे हैं. उसी में से एक है हिमाचल के कसोल के बॉर्डर पर बसे 'तोश' गांव का तिलिस्म. दिल्ली पुलिस कि एक टीम जब हिमाचल के इस तोश गांव में पहुंची तो पता चला कि ये गांव हिंदुस्तान का सबसे बड़ा चरस का डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर है. यानी तोश गांव के हर घर मे चरस बेचना आम बात है. और यही बात इस गांव को दुनियाभर में चरस के शौकीनों की सबसे पसंदीदा जगह बनाती है.


तोश गांव में दुनियाभर से ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़े तमाम बड़े खिलाड़ी आते है और नशे के कारोबार की पार्टनरशिप की शुरुआत करते है. तोश गांव में लोग दुनिया भर से आए लोगों को अपने घरों में ही ठहराते हैं, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. इस इलाके में बने जितने भी छोटे-बड़े होटल हैं वो भी यहां आने वाले लोगों का रिकॉर्ड नहीं रखते. इतना ही नहीं यहां पर ड्रग्स माफिया का इतना खौफ है कि खुद पुलिस भी इन इलाकों में जांच करने के लिए जाने से डरती है.


जांच करने तोश गई दिल्ली पुलिस अब इस एंगल से भी जांच करने की सोच रही है कि आफताब का श्रद्धा को मुंबई से इतनी दूर ऐसी जगह पर लेकर जाना क्या सिर्फ घूमने का टूर था या इसके पीछे की वजह अपना ड्रग्स सिंडिकेट खड़ा करना था. क्योंकि, आफताब ने दिल्ली पुलिस को बताया कि तोश घूमने के समय की गई ट्रैकिंग के दौरान भी उसने पहाड़ी से गिराकर श्रद्धा की हत्या की करने का सोचा था. पुलिस को अब ये भी लगता है कि आफताब इस तरह के बयान देकर जांच को भटकाने की कोशिश कर रहा है. और यही वजह है कि पुलिस की एक टीम तोश गांव जाकर आफताब के बयानों की पुष्टि करना चाहती थी.


आफताब के फोन से हुआ बड़ा खुलासा


दिल्ली पुलिस ने जब आफताब के फोन की जांच की और उसकी सीडीआर खंगाली तो पता चला कि वो काफी ऐसे लोगों के संपर्क में है, जो चरस पीने के आदि हैं और अपने नशे के लिए वो कितना भी पैसा खर्च कर सकते हैं. पुलिस को लगता है कि बद्री से मिलने के बाद महरौली में रहने का आफताब का मकसद भी ये था कि इस इलाके में नाइजीरिया या दूसरे विदेशी मूल के लोग किराए पर ज्यादा रहते हैं, जिनका ड्रग्स के कारोबार से काफी पुराना नाता है. आफताब कॉल सेंटर में काम करता था और उसकी चैट से पता चला है कि उसके कॉन्टैक्ट में काफी सारे लड़के और लड़कियां चरस-गांजे की लत के आदि है.


पांच राज्यों में जाकर जांच कर पुलिस अब आफताब की पुरानी जिंदगी के पन्नों को पढ़ने की कोशिश कर रही है, जिसका ताल्लुक श्रद्धा के मर्डर से हो सकता है, सूत्रों के मुताबिक, अपनी कमाई से ज्यादा खर्चा करने वाले आफताब ने श्रद्धा से भी काफी पैसे उधार लिए थे और जिसको वो लौटा नहीं पा रहा था. फिलहाल पुलिस अपनी जांच के साथ-साथ आफताब का नार्को टेस्ट करवाने की भी तैयारी कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि अब तक कि जांच में आफताब ने पुलिस को जो-जो बताया है वो कितना सच है और कितना झूठ है.


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