नई दिल्ली: दिल्ली के सीमापुरी इलाके से गायब हुए शख्स की लाश छह दिन बाद उत्तर प्रदेश (UP) के बागपत (Baghpat) के जंगल में मिली है. हैरानी की बात ये कि इस लाश से सिर गायब था. मृतक की पहचान शहजाद के रूप में हुई है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद लाश परिवार को सौंप दी. इसके बाद परिजनों ने शव को सीमापुरी इलाके में रखकर प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि इलाके के रहने वाले दो लोग शहजाद को अपने साथ ले गए थे, वो भी उसी दिन से गायब हैं.


CCTV से सुलझेगी गुत्थी?


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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीम सीसीटीवी (CCTV) फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान में जुटी है. पुलिस के मुताबिक शहजाद परिवार के साथ सनलाइट कालोनी में रहता था. परिवार में पत्नी शबाना, चार बेटे और तीन बेटियां हैं. शहजाद मजदूरी करके घर चलाता था. परिजनों ने कहा कि बीती 11 जुलाई की सुबह वो घर के बाहर खड़ा था, तभी पास की कालोनी के रहने वाले लोग उन्हें ले गए. जब वो शाम तक नहीं लौटे तो उन्हें फोन किया गया जो नहीं उठा.


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पुलिस से नाराजगी


परिजनों ने कहा कि वो सीमापुरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने गए जहां पुलिस ने केस दर्ज करने से मना कर दिया. वो उसे तलाशते रहे लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद परिवार वालों ने कालोनी में लगे कैमरों की फुटेज देखी तो पता चला कि शहजाद ने उन्हीं दो लोगों के साथ सीमापुरी रोड पर बैठकर काफी देर बात की और तीनों साथ चले गए. 


यूपी पुलिस ने किया फोन


शुक्रवार सुबह बागपत के रतौल गांव से उत्तर प्रदेश पुलिस ने फोन करके परिवार को शहजाद का शव मिलने की खबर दी. उसका परिवार जब रतौल पहुंचा तो लाश का सिर नहीं होने पर कपड़ों से उसकी पहचान की गई. इस मामले में कई सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी हैं. मसलन जो लोग उसे ले गए वो कहा हैं, वहीं शहजाद के कत्ल का मकसद क्या था इसका पता भी फिलहाल नहीं चल सका है. 


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