Ladakh :   लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने और उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 21 दिनों से धरने पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक  (Sonam Wangchuk) ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है. हालांकि 21 दिनों तक नमक और पानी पर जीवित रहने के बाद, जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक वांगचुक ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी. बता दें, कि इससे पहले उन्होंन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों से किए वादे पूरा करने की अपील की. इसी बीच अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सोनम वांगचुक के लिए अखिलेश ने आवाज उठाई  है. 


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क्या कहा अखिलेश यादव ने ?


 


अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, कि पानी और नमक के सहारे अनशन करने वालों का महत्व वो भाजपा क्या समझेगी, जिसकी आंख का पानी मर गया है. जो नमक का कर्ज तक चुकाना नहीं जानते. देश की जनता सोनम वांगचुक जी के लद्दाख और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए किये जा रहे संघर्ष में हर तरह से उनके साथ है.हम सबका ‘सम्पूर्ण समर्थन’ देते हैं, उनके इस आंदोलन को कामयाब बनाएगा. भाजपा के अहंकार ने उसकी देखने, सुनने और समझने की शक्ति छीन ली है. ये भाजपा का पतनकाल है. 


 



उनके अनशन को मंगलवार ( 26 मार्च ) को 21वां दिन हो गया. प्रख्यात शिक्षा सुधारक वांगचुक लेह में स्थित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के एक दिन बाद छह मार्च से शून्य से नीचे के तापमान पर ‘जलवायु अनशन’ कर रहे हैं.


 


ये दोनों संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन का संयुक्त रूप से नेतृत्व कर रहे हैं. छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों के जरिए असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी इलाकों के प्रशासन से जुड़े प्रावधान हैं.


 


‘जलवायु उपवास’ आज दिन में समाप्त हो सकता है, क्योंकि एपेक्स बॉडी और केडीए बुधवार( 27 मार्च ) को आगे की कार्रवाई की घोषणा करेंगे. प्रधानमंत्री को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उसके चुनाव घोषणापत्र में किए वादों की याद दिलाते हुए वांगचुक ने कहा कि मोदी भगवान राम के भक्त हैं और उन्हें ‘प्राण जाए पर वचन ना जाए’ की उनकी सीख का पालन करना चाहिए.


 


‘3 इंडियट्स’ में रैंचो किरदार, वांगचुक के जीवन से प्रेरित 


 


बॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘‘3 इंडियट्स’ में आमिर खान का किरदार रैंचो, वांगचुक के जीवन से प्रेरित है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है. हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम न करने पर सरकार बदल सकते हैं. राष्ट्र हित में इस बार बहुत सावधानीपूर्वक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना याद रखना.  


 


लद्दाख में पांचवें चरण में 20 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. वांगचुक ने कहा कि पिछले 20 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए हैं, लेकिन इस सरकार ने एक शब्द नहीं कहा, उन्होंने कहा, "हम लद्दाख में हिमालयी पहाड़ों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और यहां की अद्वितीय स्वदेशी जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चेतना को जगाने का प्रयास कर रहे हैं.