नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार (16 जुलाई) को कहा कि सोमवार (17 जुलाई) को होने वाला राष्ट्रपति चुनाव अंतरात्मा की आवाज पर वोट की मांग करता है, क्योंकि यह विचारों के टकराव और अलग-अलग मूल्यों में संघर्ष का प्रतिनिधित्व कर रहा है.


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राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार - मीरा कुमार और गोपाल कृष्ण गांधी - की मौजूदगी में विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव ‘संकीर्ण, विभाजनकारी और सांप्रदायिक नजरिये’ के खिलाफ लड़ाई है. इस बैठक में मीरा कुमार और गोपाल कृष्ण गांधी का औपचारिक तौर पर परिचय कराया गया.


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सोनिया ने कहा, ‘हम जिन मूल्यों में यकीन करते हैं, उन पर हमारा विश्वास होना चाहिए. यह चुनाव विचारों का टकराव, असमान मूल्यों का संघर्ष है. यह चुनाव अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की मांग करता है ताकि उस भारत को बचाया जा सके जिसके लिए महात्मा (गांधी) और स्वतंत्रता सेनानियों, जिसमें हजारों आम पुरुष एवं महिलाएं थीं, ने लड़ाई लड़ी थी.’ 


उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनावों में संख्याबल उनके खिलाफ हो सकता है, लेकिन ‘लड़ाई लड़ी जाएगी और जमकर लड़ी जाएगी.’ सोनिया ने कहा, ‘हम भारत को ऐसे लोगों का बंधक नहीं बनने दे सकते जो इस पर एक संकीर्ण, विभाजनकारी और सांप्रदायिक नजरिया थोपना चाहते हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण के लिखित रूप के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘हमें अब ज्यादा सजग रहना होगा कि हम कौन हैं, अपनी आजादी की लड़ाई में हम किसलिए लड़े और हम अपने लिए कैसा भविष्य चाहते हैं.’ 


उन्होंने कहा कि मीरा कुमार और गोपाल कृष्ण गांधी का समर्थन करने के लिए अलग-अलग पार्टियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी इस बात की पुष्टि करती है कि ‘एक समावेशी, सहनशील और बहुलवादी भारत के लिए लड़ाई अब सही मायने में छेड़ी जा चुकी है.’ राष्ट्रपति चुनाव सोमवार (17 जुलाई) को होने वाले हैं जबकि उप-राष्ट्रपति पद के लिए पांच अगस्त को मतदान होगा.


आज (रविवार, 16 जुलाई) सुबह सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाली जदयू ने विपक्ष की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया.


माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘हम मीरा कुमार को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर जानते हैं, लेकिन गोपाल गांधी से कई लोगों ने मुलाकात नहीं की थी. यह उनसे औपचारिक परिचय की तरह था.’ सोनिया ने कहा कि मीरा कुमार और गोपाल गांधी काफी गरिमामय और प्रतिबद्ध हैं और अपने पूरे करियर में उन्होंने शानदार काम किया है.


कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘अपने काम और अपने जीवन से उन्होंने उन मूल्यों एवं सिद्धांतों की वकालत की है जिन्होंने पिछले 70 साल में भारत को परिभाषित और निर्देशित किया है.’