Shafiqur Rahman Burke: `इस्तीफा दें और करें PM मोदी की पूजा`, UP की मंत्री को सपा सांसद बर्क की सलाह
Shafiq Ur Rahman Barq Vs Gulab Devi: समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और कद्दावर सांसद बर्क हमेशा अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. इस बार उन्होंने यूपी की माध्यमिक शिक्षा मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा है.
Shafiq Ur Rahman Barq Statement: उत्तर प्रदेश (UP) के संभल से समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद शफीक उर रहमान बर्क (Shafiq Ur Rahman Barq) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘भगवान का अवतार’ (Bhagwan Ka Awtar) बताए जाने के राज्य की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी (Gulab Devi) के बयान को पार्टी में अपनी अहमियत और रुतबा बढ़ाने की एक कोशिश बताया है.
'इस्तीफा दें और करें पूजा'
बर्क ने संवाददाताओं से बातचीत में गुलाब देवी द्वारा मोदी को भगवान का अवतार बताए जाने से जुड़े एक सवाल पर कहा, 'उन्हें इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री की पूजा-अर्चना शुरू कर देनी चाहिए. उन्होंने अपना रुतबा बढ़ाने के लिए यह बात कही है.'
'कोई नहीं कर सकता मुकाबला'
गौरतलब है कि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने बुधवार को संभल में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी भगवान के अवतार हैं. उन्होंने कहा था, 'मोदी जी एक अवतार के रूप में हैं. वह असाधारण प्रतिभा वाले हैं. उनका मुकाबला कोई नहीं कर सकता. अगर वह चाहें तो जब तक उनका जीवन है, तब तक प्रधानमंत्री बने रह सकते हैं.'
बर्क ने करेंसी नोट पर लक्ष्मी-गणेश के चित्र प्रकाशित करने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मांग पर कहा, “यह प्रस्ताव करना कि भगवान की तस्वीर छपनी चाहिए पूरी तरह से सियासी कदम है.'
विवादित बयानों से पुराना नाता
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कद्दावर सांसद बर्क हमेशा अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में ब्रिटेन में सामने आए राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि वो कांग्रेस के नेताओं की उन बातों को समर्थन करता हूं. जो कौम के लिए जरूरी है. हिंदुस्तान में भी अल्पसंख्यक वर्ग का प्रधानमंत्री बनना चाहिए. इसमें कोई बुराई नहीं है.
पीएफआई के हिमायती हैं बर्क
सपा सांसद शफीक-उर-रहमान बर्क ने पीएफआई का समर्थन भी किया था. उन्होंने इस विवादित संगठन की हिमायत करते हुए सवाल किया था कि इस संगठन के लोगों का जुर्म क्या है? उन्होंने कहा कि देश की तमाम संस्थाओं की तरह पीएफआई भी एक संस्था है. जैसे दूसरी संस्थाएं अपने कार्यक्रम चलाती हैं, वैसे ही पीएफआई भी अपने कार्यक्रम चलाती है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)
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