पंजाब कांग्रेस में कलह गहराया: कैप्टन अमरिंदर ने सोनिया गांधी से की बात, बोले- सिद्धू की अध्यक्षता में नहीं लड़ सकते चुनाव
Split in Punjab Congress: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर ऐतराज जताया है.
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में विवाद और गहराता जा रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की खबर के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से फोन पर बात की है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैप्टन ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की बात पर नाराजगी जताई है और कहा कि सिद्धू की अध्यक्षता में चुनाव नहीं लड़ सकते. जिसके बाद सोनिया गांधी ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) को तलब किया.
सोनिया गांधी से मिले हरीश रावत
बताया जा रहा है कि हरीश रावत की सोनिया गांधी के साथ मुलाकात के दौरान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) भी मौजूद थीं. जानकारी के मुताबिक मीटिंग के बाद हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने कभी भी सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की बात नहीं कही है.
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कैप्टन खेमे के नेता फार्महाउस पहुंचे
इधर, पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने ग्रुप के सभी लीडर्स को सिसवा फार्महाउस में बुला लिया है. जानकारी के मुताबिक कई सांसद और विधायक सिसवा फार्महाउस पहुंच गए हैं. दरअसल पंजाब के मुख्यमंत्री आलाकमान को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि कितने लीडर्स उनके साथ खड़े हैं. जानकारी यह भी मिल रही है कि मुख्यमंत्री के पक्ष में 50 से ज्यादा विधायक खड़े हैं. इसके अलावा पंजाब के सभी लोक सभा सांसद मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं.
सिद्धू कर रहे बैठक
खबर है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं के साथ बैठक की है. ये बैठक पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर पर हुई. जिसमें पंजाब कांग्रेस के 9 नेता मौजूद थे.
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तो ऐसे सुलझेगा पंजाब कांग्रेस का मामला?
पंजाब कांग्रेस में तब्दीली की खबरों के मुताबिक सिद्धू और कैप्टन के बीच का झगड़ा सुलझाने के लिए जो फॉर्मूला निकला है. उसमें 2 कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की भी तैयारी है. जिसमें एक कार्यकारी अध्यक्ष सवर्ण और दूसरा दलित समुदाय से हो सकता है.
दरअसल पंजाब में अनुसूचित जाति समुदाय की भागीदारी लगभग एक तिहाई है और अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठजोड़ कर के कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. सत्ता विरोधी लहर के साथ अगर अकाली-बीएसपी समीकरण काम करता है तो इससे कांग्रेस को काफी नुकसान हो सकता है. लिहाजा बहुत सोच-समझकर इस रणनीति को ध्वस्त करने के लिए पार्टी में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला किया गया है.
अकाली दल और BSP से ऐसे मुकाबला करेगी कांग्रेस
माना जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और सोनिया गांधी की आखिरी मुलाकात में कुछ इसी फॉर्मूले पर बात हुई थी. जिसमें अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के गठजोड़ से मुकाबला करने के लिए दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी थी.
क्या प्रशांत किशोर ने दिया ये फॉर्मूला?
चर्चा तो ये भी है कि प्रशांत किशोर और सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद कांग्रेस में केंद्र से लेकर पंजाब तक बदलाव के फॉर्मूले पर सलाह मशविरा हुआ है और उसमें आने वाले चुनाव में पंजाब में सिद्धू की जरूरत को देखते हुए उन्हें प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने का फैसला हुआ. बता दें कि पंजाब में कांग्रेस की कमान फिलहाल सुनील जाखड़ के पास है. जिन्हें 2024 की तैयारी के लिहाज से दिल्ली लाया जा सकता है क्योंकि जाखड़ को पंजाब के अलावा हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल समेत कई राज्यों की राजनीति का धुरंधर माना जाता है.