दिल्ली: स्कूलों को अपग्रेड करने के नाम पर कांट्रेक्‍टर ने किया घोटाला, CBI कर रही जांच
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दिल्ली: स्कूलों को अपग्रेड करने के नाम पर कांट्रेक्‍टर ने किया घोटाला, CBI कर रही जांच

आरोप है कि कड़कड़डूमा (Karkarduma) इलाके के 75 स्कूली कक्षाओं को अपग्रेड करने के नाम पर घोटाला किया गया, और काट्रेंक्टर ने ना सिर्फ घटिया काम किया बल्कि तय कीमत से ज्यादा पैसे भी लिए. अब इस घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) कर रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi Government Schools) को प्राइवेट स्कूलों की तरह साफ सुथरा और मॉडर्न बनाने में सरकारी घोटाला सामने आया है. आरोप है कि कड़कड़डूमा (Karkarduma) इलाके के 75 स्कूली कक्षाओं को अपग्रेड करने के नाम पर घोटाला किया गया, और काट्रेंक्टर ने ना सिर्फ घटिया काम किया बल्कि तय कीमत से ज्यादा पैसे भी लिए. अब इस घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) कर रही है.

  1. घटिया क्वालिटी का काम हुआ
  2. ठेकेदार को मिली तय कीमत से ज्यादा रकम
  3. CPWD की शिकायत पर CBI ने दर्ज किया मामला

ठेकेदार को दिए ज्यादा पैसे

दरअसल पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा इलाके में आने वाले सरकारी स्कूलों की 75 क्लास रूम को अपग्रेड करने का काम M/s Purvanchal Associates  को दिया गया था. ये ठेका कड़कड़डूमा कोर्ट डिवीजन के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नंद लाल के जरिए दिया गया था. आरोप है कि 3,97,93,780 करोड़ के बिल के बजाय पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) ने ठेकेदार को 4,52,52,253 करोड़ रुपये दिए. यानी तय कीमत से 45 लाख रुपये ज्यादा दिए गए.

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'साहब! फाइल तो चोरी हो गई'

लेकिन जब सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) ने इस मामले की जांच की, और बिल और काम में बारे में जानकारी मांगी तो बताया गया कि जो ज्यादा पैसे दिए गए हैं उस काम की जांच की जानी है. लेकिन भुगतान कर दिया गया. वहीं, जिस काम के लिए ठेकेदार को पैसे दिए गए, उसके रिकॉर्ड की जानकारी मांगी गई तो बताया गया कि वो फाइल रिकार्ड रूम से गायब है और दिल्ली पुलिस के पांडव नगर थाने में 1 अगस्त 2019 को मामला दर्ज करवाया गया है.

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इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला

इतना ही नहीं, जब CPWD ने काम किए गए स्कूलों में जांच की तो पाया कि बेहद घटिया क्वालिटी का काम किया गया है, और किसी भी काम की जांच PWD विभाग ने नहीं की है. इसके अलावा जो मैटेरियल काम में इस्तेमाल किया गया, कहां से लिया गया और उसकी क्वालिटी कैसी है, इस बारे में मैटेरियिल टेस्ट रिपोर्ट और खरीद रिपोर्ट तक बिल में नहीं लगाए गए हैं. इसी घोटाले के बाद CPWD के चीफ विजिलेंस अधिकारी वी.के. पाराशर ने डिपार्टमेंटल जांच के बाद कार्रवाई के लिए CBI को जांच के लिए लिखा. साथ ही दिल्ली सरकार की PWD के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नंद लाल और M/s Purvanchal Associates समेत दूसरे PWD अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.

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