गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट के जरिये सांप्रदायिक टिप्पणी करने और सर्बानंद सोनोवाल का अपमान करने के आरोप में गुरुवार को असम पुलिस ने बीजेपी सोशल मीडिया टीम के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, बाद में नीतू बोरा नाम के आरोपी को बेल मिल गई. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असम के मोरीगांव जिले के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका ने बताया कि कल रात राजू महंत द्वारा नितूबोरा के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसके आधार पर हमने उन्हें गिरफ्तार किया. प्राथमिकी में कहा गया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. पुलिस के अनुसार बेल मिलने के बाद भी नीतू बोरा के खिलाफ मामले की जांच जारी है. पुलिस ने इसी तरह के आरोपों पर राज्य के अन्य जगहों से तीन अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. 


जानकारी के मुताबिक पुलिस ने बीजेपी के एक अन्य आईटी सेल सदस्य हेमंत बरुआ के घर पर बुधवार रात छापा मार कर उसे गिरफ्तार किया. गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र माजुली जिले का हेमंत बरुआ निवासी है. पुलिस के गिरफ्तारी के पीछे के कारण को आपको बता दें कि हाल ही में नीतू बोरा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से दावा किया था कि बीजेपी सरकार प्रवासी मुस्लिम से स्थानीय असमियों की रक्षा करने में नाकाम रही है. साथ ही संकेत भी दिया था कि इस स्थिति के लिए मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल जिम्मेदार हैं.


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नितू बोरा की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी आईटी सेल के सदस्यों में नाराजगी व्याप्त है. आईटी सेल से जुड़े युवा इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर कहते हैं कि किसी के निजी अभिव्यक्ति को पुलिस को रोकने या गिरफ्तारी करना अनुचित हैं. साथ ही आईटी सेल के सदस्य मुख्यमंत्री पर सोशल नेटवर्किंग की नीतू बोरा के कतिथ टिप्पणी को अपमानजनक मानने से इनकार भी किया हैं. जबकि, आईटी सेल के कुछ सदस्यों ने असम सरकार की राज्य के स्वदेशी लोगों की रक्षा करने में विफल कहने को असवैंधानिक या अनैतिक नहीं मान रहे हैं.