नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में 4जी सेवा शुरू करने के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि क्या कश्मीर के कुछ इलाकों में इंटरनेट की 4जी सेवा शुरू की जा सकती है? पिछले एक साल से वहां इंटरनेट स्पीड बाधित है. इस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि ऐसा सुरक्षा लिहाज से किया गया है. लेकिन कोर्ट ने कहा कि एक लंबा समय बीत चुका है. इस मामले पर सुनवाई में अब कोई देरी नहीं होनी चाहिए.


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सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पूर्व उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने इंटरनेट की बहाली को लेकर बयान दिए थे. उन्होंने कहा था कि इंटरनेट की 4 जी सेवा शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अब वहां उपराज्यपाल बदल गए हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया है. जिसके चलते इंटरनेट शुरू करने के इस फैसले पर उनकी राय भी बहुत जरूरी है. इसलिए कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में अंतिम सुनवाई करने का फैसला किया है.


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बताते चलें कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वो मीडिया में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) के कथित बयानों को सत्यापित करेगा, जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में 4 जी को बहाल किया जाए. वहीं जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को एक हफ्ते के अंदर 4जी मोबाइल सेवा की समीक्षा करके हलफनामा दाखिल करने का आदेश भी दिया था. जिसपर केंद्र और  जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आदेशानुसार इंटरनेट बैन की समीक्षा के लिए स्पेशल कमेटी का गठन कर दिया गया है और कमेटी ने 4G संबंधी फैसले भी लिए हैं.


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