30 साल में नहर खोदने वाले किसान को ट्रैक्टर गिफ्ट करेंगे आनंद महिंद्रा, कही ये दिल छू लेने वाली बात
आनंद महिंद्रा को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने ट्विटर पर लौंगी भुईंयां के काम को सराहा और अपनी कंपनी का एक ट्रैक्टर देने की घोषणा कर डाली.
नई दिल्लीः बिहार के दशरथ मांझी का नाम तो आप सभी जानते हैं जिन पर बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है. अब इस राज्य के एक और शख्स ने दशरथ मांझी जैसा काम किया है जिसे देश के जाने- माने बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने उपहार में ट्रैक्टर देने का ऐलान किया है. दरअसल, यहां बात हो रही है बिहार के गया जिले के कोटवा गांव के लौंगी भुईंयां की, जिन्होंने अपने खेत को सींचने के लिए एक लंबी नहर खोदी है. जी हां, लौंगी भुईंयां ने इस क्षेत्र के 5 किलोमीटर के जंगली एरिया को हटाकर 30 साल में 3 किलोमीटर की नहर अकेले ही खोदी है.
आनंद महिंद्रा को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने ट्विटर पर लौंगी भुईंयां के काम को सराहा और अपनी कंपनी का एक ट्रैक्टर देने की घोषणा कर डाली. आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा, 'उनको ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा, जैसा कि आप जानते हैं, मैंने ट्वीट किया था कि मुझे लगता है कि उनकी नहर ताज या पिरामिडों के समान प्रभावशाली है. हम @MahindraRise पर इसे एक सम्मान मानते हैं. हम उन्हें ट्रैक्टर भेंट करना चाहते हैं. उन तक किस तरह पहुंचा जाए.'
3 गांव के लोगों को हो रहा फायदा
उन्होंने ट्विटर पर भुईंयां के मेंसेंजर से महिंद्रा टीम के साथ पहुंचकर ट्रैक्टर को किसान तक पहुंचाने के लिए कहा है. भुईंयां ने हाल ही में गया के लहथुआ क्षेत्र में अपने गांव कोठीलावा के पास की पहाड़ियों से नीचे आने वाले बारिश के पानी को जमा करने के लिए 3 किलोमीटर लंबी नहर खोदकर सबका ध्यान आकर्षित किया है. उनका ये कारनामा बिहार के दशरथ मांझी की याद दिलाता है, जिन्होंने अपनी पत्नी के लिअ रास्ता बनाने को पहाड़ काटने के लिए 22 साल लगा दिए था. बता दें कि लौंगी भुईंयां के इस कार्य से करीब 3 गांव के 3000 हजार लोगों को लाभ मिल रहा है.
वन विभाग की बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ
लौंगी भुईंयां ने बताया कि पत्नी, बहु और बेटा सभी लोग मना करते थे कि बिना मजदूरी वाला काम क्यों कर रहे हैं. वहीं लोग मुझे पागल समझने लगे थे, कहते थे कि कुछ नहीं होने वाला है. लेकिन आज जब नहर का काम पूरा हुआ और उसमें पानी आया तो सभी मेरी प्रशंसा कर रहे हैं. भुईंयां ने कहा कि था कि सरकार अगर मुझे ट्रैक्टर दे देती मैं वन विभाग के बंजर पड़े जमीन को खेती लायक उपजाऊ बनाकर लोगों का भरण पोषण कर सकता हूं.
उन्होंने बताया कि वह कुदाल को प्रतिदिन काम कर जंगल की झाड़ियों में छिपा दिया करता थे ताकि कोई चुरा ना ले और आखिरकार उनकी बात आनंद महिंद्रा तक पहुंच गई और उन्होंने ट्रैक्टर देकर लौंगी भुईंयां की हौसला अफजाई की.
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