जान देकर ड्यूटी निभाने वाली महिला अफसर के आखिरी शब्द क्या थे?
हिमाचल प्रदेश के कसौली में दो दिन पहले हुई थी असिस्टेंट टाउन प्लानर शैल बाला शर्मा की हत्या, अवैध निर्माण ढहाने गई थीं
शिमला: हिमाचल प्रदेश के कसौली में दो दिन पहले होटलों व गेस्ट हाउसों का अवैध निर्माण ढहाने गई जिन महिला अफसर (Assistant town planner) शैल बाला शर्मा की कथित तौर पर हत्या कर दी गई, उनके अंतिम शब्द यही थे- 'हम सिर्फ कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं.' वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सोलन जिले में मंगलवार को सुबह 11.30 बजे अवैध निर्माण ढहाने पहुंचीं चार टीमों में से एक टीम का हिस्सा थीं लेकिन तीन घंटे बाद उनकी हत्या कर दी गई. बताया गया कि उन्हें नारायणी गेस्ट हाउस के मालिक विजय ठाकुर ने दौड़ा कर गोली मारी. ठाकुर ने टीम के एक अन्य सदस्य गुलाब सिंह को भी घायल कर दिया था.
सरकारी टीम से भिड़े थे होटल और गेस्ट हाउस मालिक
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मंगलवार सुबह जब शैल बाला वहां पहुंची तो उनके हाथ में अवैध निर्माण से संबंधित कागजात थे, जिन्हें उन्हें ढहाना था. उनकी टीम का एक सदस्य मुनादी कर रहा था कि जगह खाली कर दी जाए हम इसे ढहाने आए हैं. ठाकुर और शिवालिक होटल के मालिक वेद गर्ग बाहर आए. शैल बाला ने उनसे कहा-मैं बस कोर्ट के आदेश का पालन कर रही हूं. इस पर दोनों उनसे बहस करने लगे. शर्मा ने ठाकुर और उसकी मां नारायणी (जिनके नाम पर गेस्ट हाउस है) से कहा- 'खाली करवा दो सामान.' ठाकुर ने कहा-'मेरे गेस्ट हाउस का नक्शा पास है.' शैल बाला ने दोहराया-'हम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं.' उस समय उनके साथ आए अफसर और फोर्स थी. गर्ग नहीं माना. उसने कोर्ट के आदेश की प्रति मांगी. उसने कहा कि कोर्ट के आदेश में किस बाउंड्री को गिराना है, इसका जिक्र नहीं है. शैल बाला ने कहा- 'इस पर कोर्ट में बात करिएगा, यहां इसकी जरूरत नहीं है.' उन्होंने गर्ग से कहा कि वह शिवालिक होटल के के परिसर में उनसे बात करेंगी. 11.40 बजे शैल बाला गेस्ट हाउस के अंदर गईं. ठाकुर लगातार जिरह कर रहा था. वह अपने गेस्ट हाउस को कानूनी तौर पर वैध बता रहा था, इसलिए उसे न गिराया जाए कि बात कह रहा था. शैल बाला ने कहा-'मेरे पास इसे ढहाने का आदेश है.' ठाकुर ने कहा-'इससे अच्छा होगा आप मुझे लटका दें.' शैल बाला ने जवाब दिया-'ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, इसे अन्यथा न लें.' पांच मिनट बाद वह गेस्ट हाउस के बाहर आ गई थीं. ठाकुर लगातार जिरह कर रहा था. उसने हाथ जोड़ रखे थे. शैल बाला ने फिर कहा-'ऐसा है न, सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है मेरे पास, मेरे ऑर्डर नहीं हैं.' ठाकुर बोलो-'ये है कि हमें मारना है.' शैल बाला ने कहा-'आप सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों नहीं करते हैं.' साथ ही यह भी पूछा कि कोर्ट ने जो मोहलत दी थी उसमें अवैध निर्माण क्यों नहीं ढहाया या कोर्ट में अपील करते. हमने ऐसा करने से तो नहीं रोका था. आप हमारा समय नष्ट कर रहे हैं. इस बहस के बाद टीम ने फिर गेस्ट हाउस चेक किया.
शैल बाला को दो गोली मारी गई
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सोलन के एसडीएम आशुतोष गर्ग और टाउन प्लानर लीला शम ने जगह का इंस्पेक्शन किया. ठाकुर ने कहा-'अगर कोई गुस्ताखी हो गई हो तो माफ करें.' एसडीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण ढहाया जाएगा. इसके बाद 12.20 बजे टीम शिवालिक होटल चली गई. शैल बाला रुकीं और कागजात अपने बैग में रखे. मोबाइल से कुछ तस्वीरें लीं जब तक दूसरी टीम होटल का इंस्पेक्शन कर रही थी. फिर मुनादी की गई-प्रबंधन से अपना सामान निकालने की. इस बार गर्ग ने टीम को ललकारा-'हमारी लाश से फोर्स गुजरेगी. हमें मार डालो.' एसडीएम के दोबारा बात करने पर वह शांत हुआ. इसके बाद टीम आगे बढ़ गई लेकिन शैल बाला वहीं रुकी रहीं. उन्होंने कहा कि 1:45 बजे शैल बाला ने लंच किया और फिर आगे निकल गईं. ढाई बजे फिर लौटीं तब ठाकुर ने कथित तौर पर उन्हें गोली मारी. वहां मौजूद पीडब्ल्यूडी वेल्डर रोशन लाल ने बताया-'पहली गोली मैडम के चेस्ट में लगी. अगली गोली गुलाब सिंह को लगी. मैडम बाहर भागीं लेकिन गेस्ट हाउस मालिक ने उसे पकड़ लिया और फिर उन्हें गोली मारी, इस दौरान वह फिर भागीं और आगे जाकर गिर गईं.'
सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया
उच्चतम न्यायालय ने कसौली में महिला अधिकारी की गोली मारकर हत्या करने की घटना का स्वत: संज्ञान लिया था. यह महिला अधिकारी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर होटल मालिक की संपत्ति में अवैध निर्माण सील करने गई थीं. लेकिन होटल मालिक ने उन्हें कथित रूप से गोली मार दी जिसमें उनकी मौत हो गई. न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस घटना को अत्यधिक गंभीर बताया था और कहा था कि सरकारी अधिकारी न्यायालय के निर्देश का पालन करने के लिए अवैध निर्माण सील करने गए थे. पीठ ने कहा, 'अगर आप लोगों की हत्या करेंगे तो शायद हम कोई भी आदेश पारित करना बंद कर दें.'