पटना/नई दिल्ली: बिहार विधान सभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) की सियासी चौसर पर अब आरक्षण (Reservation) का दांव खेला गया है. इस बार पहली चाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने चली है. नीतीश ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की वकालत की है. नीतीश ने कहा है, ‘हम तो चाहेंगे कि जितनी आबादी, उसके हिसाब से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए.’


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‘जनगणना से जनसंख्या हो तय’
पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव खेल दिया. नीतीश ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की वकालत करते हुए कहा, इस पर हमारी कहीं से कोई दो राय नहीं है. उन्होंने कहा संख्या का सवाल जनगणना से हल हो जाएगा.


‘वोट की चिंता नहीं’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि वो थारू जाति को आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए वर्षों से कोशिश कर रहे हैं. जब से वो अटल सरकार में रेल मंत्री थे तब भी उन्होंने इसके लिए प्रयास किये थे. यहां नीतीश ने यह भी कहा, निर्णय हमारे हाथ में नहीं है लेकिन प्रयास जारी रहेगा, मुझे वोट की चिंता नहीं है.


बता दें कि वाल्मीकिनगर में थारू जाति के काफी वोट हैं. इनकी तरफ से लगातार जनजाति (ST) में शामिल करने की मांग उठ रही है. नीतीश ने इसी मांग का समर्थन करते हुए बयान  दिया है.