कानपुर: उत्तर प्रदेश में हुए कानपुर पुलिस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) के साथी जय बाजपेयी की अवैध संपत्ति की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और प्रवर्तन निदेशालय जांच कर सकते हैं. ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर जय बाजपेयी की संपत्ति की जांच करने की अनुमति मांगी है.


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गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर की रिपोर्ट में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 395, 412 और 120बी के तहत थाना चौबेपुर में अभियुक्त जय बाजपेयी के खिलाफ मामला दर्ज है. जय बाजपेयी द्वारा अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने की जांच के लिए एजेंसियों ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है.


इससे पहले कानपुर में पुलिस हत्याकांड के मामले में जय बाजपेयी और उसके साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू ने पुलिस की पूछताछ में बड़ा खुलासा किया था. जय बाजपेयी ने कानपुर एनकाउंटर से 2 दिन पहले प्रशांत शुक्ला के साथ बिकरू गांव जाकर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को 2 लाख रुपये कैश और 25 जिंदा कारतूस दिए थे.


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बता दें कि 2 और 3 जुलाई की मध्यरात्रि को कानपुर के बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. पुलिस टीम उसे पकड़ने के लिए बिकरू गांव में गई थी लेकिन विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम को ही घेर कर उनका एनकाउंटर कर दिया था.


कौन है जय बाजपेयी
जय बाजपेयी कानपुर के ब्रह्म नगर का निवासी है. जानकारी के मुताबिक जय बाजपेयी आठ साल पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में 4000 रुपये की तनख्वाह पर नौकरी करता था. प्रिंटिंग प्रेस में नॉकरी के दौरान ही वो विकास दुबे के संपर्क में आया. जिसके बाद जय ने अवैध संपत्ति अर्जित की, जिसका खुलासा पुलिस की जांच में हुआ है. जय बाजपेयी विकास के साथ मिलकर विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त और विकास के अवैध पैसे को ब्याज पर देने का काम करता था. जय बाजपेयी के पास लखनऊ और कानपुर में कई अवैध संपत्तियां हैं.


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