नई दिल्ली : केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर में हड़ताल कर रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन का शनिवार (2 जून) को दूसरा दिन है. मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब समेत देश के सात राज्यों के 130 संगठन इस हड़ताल में शामिल है. शुक्रवार की तरह ही आज भी देश में कई जगहों पर प्रदर्शन होने के आसार नजर आ रहे हैं. 


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दूध बहाया, सब्जियों को किया बर्बाद
हड़ताल के पहले दिन किसानों ने उग्र प्रदर्शन दिखाते हुए जगह-जगह केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इतना ही विरोध जताने के लिए कुछ किसानों ने सब्जियों को सड़क पर फेंका, तो कहीं पर पानी की तरह दूध को बहाया गया. आंदोलन की शुरुआत करने से पहले ही किसानों ने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा था कि प्रदर्शन के दौरान वह ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर दूध, सब्जियों और फलों की सप्लाई नहीं होने देंगे. 


 



 



 


बाजार में बढ़ें सब्जियों के दाम
किसानों के प्रदर्शन के पहले दिन ही देश के तमाम खुदरा बाजारों में फल और सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है. दिल्ली की गाजीपुर और ओखला मंडी के आढ़तियों का कहना है कि सब्जियों की सप्लाई कम होने के कारण खुदरा बाजारों में भी इसकी कीमतों में इजाफा हुआ है. वहीं, मुंबई में टमाटर की कीमतें एक दिन में आसामान छूने लगी हैं. मुंबई के खुदरा बाजारों में टमाटक की कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. 


क्या है किसानों की मांग


- देश के किसानों का सारा ऋण एक साथ माफ किया जाए.


- सभी फसलों पर लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य को बढ़ाया जाए.


- छोटे किसान या फिर किसी अन्य की भूमि पर खेती करने वाले किसानों की आय मासिक तौर पर निर्धारित होनी चाहिए.


ऐसे चलाएंगे किसान आंदोलन


- शुरुआती आंदोलन में किसान 1 जून से ग्रामीण क्षेत्रों में फल, दूध, सब्जी व अन्य सामान ग्रामीण क्षेत्रों से शहर की ओर आना बंद करेंगे.
- 6 जून को कुछ किसान संगठन मंदसौर गोलीकांड में मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.
- 10 जून यानि की आंदोलन के आखिरी दिन किसान पूरे भारत में बंद का आह्वान करेंगे.