कांग्रेस-JDS गठबंधन सरकार बचाने की कवायद, गुलाम नबी आजाद और वेणुगोपाल पहुंचे कर्नाटक
राज्य विधानसभा चुनाव में 225 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को तीन सीटों पर जीत मिली थी.
नई दिल्ली: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार पर संकट की खबरों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और राज्य प्रभारी केसी वेणुगोपाल मंगलवार की शाम को बेंगलुरू पहुंच रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि ये दोनों वरिष्ठ नेता राज्य सरकार के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से मुलाकात कर संकट को दूर करने का प्रयास करेंगे. दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा नेता कह रहे थे कि 23 मई के बाद कांग्रेस-जेडीएस की सरकार चली जाएगी. कुछ दिनों पहले ही कर्नाटक कांग्रेस के दो विधायकों ने भाजपा नेता एसएम कृष्णा से मुलाकात की थी, जिससे ये अटकलें और तेज हो गई थीं.
कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में से इस बार भाजपा ने 25 सीटें हासिल की हैं तो वहीं कांग्रेस-जेडीएस को 1-1 सीट मिली है. एक सीट निर्दलीय सांसद के खाते में गई है. राज्य विधानसभा चुनाव में 225 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को तीन सीटों पर जीत मिली थी.
कांग्रेस नेताओं ने उठाए असंतोष के स्वर
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की चिंताओं को और बढ़ाते हुए कांग्रेस नेता के एन रजन्ना ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर पर तीखा निशाना साधा था. उन्होंने दावा किया था कि राज्य की मौजूदा गठबंधन सरकार 10 जून के बाद नहीं रहेगी. परमेश्वर पर निशाना साधते हुए रजन्ना ने कहा था, ‘‘यह सरकार अब तक गिर गयी होती. मुझे पता चला है कि चूंकि नरेंद्र मोदी 30 मई को शपथ ले रहे हैं (प्रधानमंत्री के रूप में), ऐसे में उनकी पार्टी (भाजपा) में फैसला किया गया है कि कुछ भी नहीं किया जाए.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘यह सरकार अधिक से अधिक 10 जून तक रहेगी.’’ पूर्व विधायक टुमकुर में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
कैबिनेट में हो सकता है फेरबदल
इन सबके बीच, कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने के मकसद से प्रदेश कैबिनेट में फेरबदल की चर्चाओं के बीच शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इसमें कुछ समय लग सकता है क्योंकि तौर-तरीकों को अभी अंतिम रूप दिया जाना है. ऐसी खबरें हैं कि कुछ मंत्रियों को हटने के लिए कहा जा सकता है ताकि असंतुष्ट विधायकों को मंत्री बनाया जा सके. सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी संभवत: पहले तीन रिक्त पदों को भरेंगे.
फेरबदल में हो सकती है देरी
एक शीर्ष आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘कैबिनेट फेरबदल तत्काल नहीं होने जा रहा है, जैसी खबरें दी गयी हैं. इसमें कुछ समय लग सकता है, इसमें एक और सप्ताह भी लग सकता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और समन्वय समिति के प्रमुख सिद्धारमैया ने इस बारे में विचार विमर्श किया है. सिद्धारमैया दिल्ली (कांग्रेस आलाकमान) से बातचीत करेंगे और फिर सूचित करेंगे.’’ इस बीच राज्य कैबिनेट की सोमवार को बैठक हुयी लेकिन इसमें इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई और मंत्रियों ने तत्काल ऐसे किसी कदम से इंकार किया.