सदन की समिति के पास और वक्त होता तो ब्लैक मनी की मात्रा का अनुमान लग पाता: वीरप्पा मोइली
वीरप्पा मोइली ने कहा, `समय के अभाव को देखते हुए हम सभी गवाहों को नहीं बुला सकते और इसे विस्तार से नहीं जांच सकते हैं.`
हैदराबाद: वित्तीय मामलों की स्थाई समिति के प्रमुख वीरप्पा मोइली ने मंगलवार को संकेत दिया कि अगर समिति के पास कुछ और वक्त होता तो वह काले धन के परिमाण का अंदाजा लगा सकती थी क्योंकि यह बहुत मुश्किल कार्य नहीं था.
'देश के भीतर और बाहर बेनामी आय/ संपत्ति की स्थिति- एक आलोचनात्मक विश्लेषण' शीर्षक से एक रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में रखी गई. रिपोर्ट में कहा गया कि काला धन पैदा होने या उसके संचयन का कोई विश्वसनीय अनुमान नहीं है और न ही ऐसा अनुमान लगाने के लिए कोई सर्व-स्वीकृत सटीक प्रक्रिया है.
समिति ने कहा, 'सभी अनुमान अंतर्निहित धारणाओं पर निर्भर हैं.' साथ ही कहा कि अब तक किए गए अनुमानों में इस उद्देश्य के लिए प्रयोग की जाने वाली सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया या इसके लिए किसी नजरिए के बारे में एकरुपता या सर्वसम्मति नहीं हैं.
'सदन की समिति की रिपोर्ट 'प्रारंभिक' है'
हालांकि मोइली ने कहा कि सदन की समिति की रिपोर्ट 'प्रारंभिक' है. उन्होंने कहा, 'समय के अभाव को देखते हुए हम सभी गवाहों को नहीं बुला सकते और इसे विस्तार से नहीं जांच सकते हैं.'
मोइली ने कहा, 'अगली वित्तीय समिति (वर्तमान लोकसभा की) इसका मूल्यांकन करेगी, उन्हें मामले को विस्तार से समझने की जरूरत होगी.' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के भीतर या बाहर काले धन के परिमाण के अनुमान पर पहुंचना कठिन नहीं है.