कोरोना काल में व्रत रखना पड़ सकता है महंगा, डॉक्टरों ने दी ये चेतावनी
कोरोना ने लोगों के धैर्य और साहस के साथ-साथ भक्ति, श्रद्धा, आस्था सभी की परीक्षा ली है. पहले लॉकडाउन में मंदिर बंद रहे. अब जब भगवान के द्वार खुले और त्योहारों का सीजन शुरू हुआ है तो एक और चुनौति श्रद्धालुओं के सामने है. नवरात्रियों में 9 दिन के व्रत रखे जाते हैं.
नई दिल्ली: नवरात्रि और करवाचौथ के मौके पर अगर आप भी व्रत रखने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं. कोरोना काल (Coronavirus) में व्रत रखना भी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. महामारी से रिकवरी के बाद कोरोना से ठीक हुए लोगों को डॉक्टर्स सलाह दे रहे हैं कि वो व्रत रखने से बचें.
कोरोना ने लोगों के धैर्य और साहस के साथ-साथ भक्ति, श्रद्धा, आस्था सभी की परीक्षा ली है. पहले लॉकडाउन में मंदिर बंद रहे. अब जब भगवान के द्वार खुले और त्योहारों का सीजन शुरू हुआ है तो एक और चुनौति श्रद्धालुओं के सामने है. नवरात्रियों में 9 दिन के व्रत रखे जाते हैं. इसके अलावा दशहरे, दीवाली और भाईदूज पर भी कई लोग व्रत करते हैं. कुछ लोग तो बिना पानी उपवास रखते हैं. लेकिन इस कोरोना काल में व्रत रखना आपको महंगा पड़ सकता है.
कोरोना न सिर्फ हमारे शरीर के कुछ खास अंगों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है. कोरोना से होने वाली मौत का भी मुख्य कारण कमजोर इम्यून सिस्टम होता है. डॉक्टरों का मानना है कि व्रत रखने से शरीर का डिफेंस मैकेनिज्म कमजोर होता है, जिस से रोगों से लड़ने की शरीर की क्षमता कम हो जाती है.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
मैक्स अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ मीनाक्षी जैन ने कहा कि कोरोना सबसे ज्यादा उन पर असर करता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. कोविड अगर आपको हुआ है और आप ठीक हो गए हैं या अन्य कोई समस्याएं हैं, जैसे डायबिटीज, हैपेर्सटनेशन, प्रेग्नेंट हैं तो ऐसे लोगों को हम कहेंगे कि वो फास्टिंग अवॉयड करें.
भगवान पर आस्था के साथ-साथ स्वस्थ का ख्याल रखना भी जरूरी है. कोरोना काल में एक छोटी सी चूक भी बड़ी मुसीबत बन सकती. शास्त्रों के जानकार मानते हैं कि उपवास रखने में कोई सख्त नियम नहीं होते. लोग अपनी परिस्थिति और स्वस्थ और के मुताबिक, अलग अलग तरह का उपवास नहीं कर सकते.
पंडित मुरारी शरण शुक्ल ने कही ये बात
1. ईश्वर कहते हैं रोग को पालना भी पाप है, यदि आप स्वयं को स्वस्थ रखने।की चिंता करते हैं तो ये धर्म है.
2. यदि आप बीमार है, कोरोना से निकल कर आए हैं तो आप खाते पीते भी भगवान की पूजा अर्चना कर सकते हैं.
3. नवरात्र ये नही कहता कि आप अनशन करें और शरीर को समस्या में डालें. शास्त्र कहते हैं कि आप समय और परिस्थिति के अनुकूल काम करें.
4. हमारे यहां कई तरह के उपवास होते हैं. जो स्वस्थ है वो पूरी तरह से उपवास करे, जो थोड़े कमजोर हैं वो पानी का सेवन करें, जो और कोई ज़्यादा कमजोर है तो वो फलाहार का सेवन करे, दूध इत्यादि का सेवन करे.
5. उपवास आयुर्वेद का पहलू है लेकिन इसे धर्म से।इसलिए भी जोड़ा गया जिस से लोग स्वयं को स्वस्थ रखने का उपाय करेंगे.
6. आप स्वस्थ रहेंगे तो परमात्मा आपसे खुश रहेंगे.
केस स्टडी-
एक महिला लाल साड़ी में बता रही है कि पहले पूरे व्रत रखती थीं. अभी बीमार हुं तो सिर्फ पहला और आखिरी व्रत रखूंगी. शरीर ठीक रहेगा तभी पूजा पाठ करेंगे. भगवान श्रद्धा देखते हैं.
कोरोना में जहां हमारी जीवन शैली में कई बदलाव किए हैं. इस से लोगों की आस्था में कोई बदलाव नहीं आया है. लेकिन समय और परिस्थिति के हिसाब से इस बार आपको व्रत की इस परंपरा में कुछ बदलाव करना पड़ सकता है. डॉक्टर ये भी सलाह देते हैं कि अगर आप व्रत रखना ही चाहते हैं तो पूरी तरह से बिना आहार के न रहेफल दूध ड्राई फ्रूट्स खाते रहें जिस से शरीर की इम्म्युनिटी पर असर न पड़े.
1. कोविड अगर आपको हुआ है और आप ठीक हो गए हैं या अन्य कोई समस्याएं हैं, जैसे डायबिटीज, हैपेर्सटनेशन, प्रेग्नेंट हैं तो ऐसे लोगों को हम कहेंगे कि वो फास्टिंग अवॉयड करें.
2. फास्टिंग से शरीर को स्ट्रेस होता है.
3. बॉडी की इम्म्युनिटी के लिए ग्लूकोस बेहद ज़रूरी है. अगर आप फास्टिंग कर रहे हैं तो लो ब्लड शुगर की वजह से इम्म्युनिटी कम हो जाती है.
4. अगर शुगर बहुत ज़्यादा है तो इस से भी कोविड होने के चांस ज़्यादा हैं.
5. व्रत रखने के बाद लोग एकदम से फ्राइड खाते हैं
6. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो हल्का फुल्का
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