श्रीनगर: कश्मीर में पर्यटन पिछले साल से अपने सबसे निचले स्तर पर है. हालांकि अब और विंटर टूरिज़्म के आगमन के साथ, पर्यटन व्‍यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि पर्यटक एक बार फिर घाटी में लौट सकते हैं.  पिछले एक साल में, घाटी में जो नुकसान है उम्मीद है कि उसकी कुछ भरपाई हो सकती है.


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महामारी से घाटे में कश्मीर का पर्यटन
कश्मीर के होटल उद्योग को उम्मीद थी कि पर्यटन कश्मीर में बहार लौटते ही इस साल शुरू हो जाएगा, लेकिन COVID-19 महामारी के साथ, घाटी का पर्यटन उद्योग और नुकसान में चला गया. अब होटल व्यवसायी और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग विंटर टूरिज़्म को लेकर उम्मीद बंदे हुवे हैं वह उम्मीद है कि पर्यटक कश्मीर की यात्रा करना शुरू कर देंगे.हालाँकि अंतर्राष्ट्रीय स्थल से आवाजाही अब तक नहीं खुली हैं, इसलिए हम  अभी केवल देश के अन्य हिसों से पर्यटकों का घाटी में आने की उम्मीद कर रहे हैं.


घाटी में चिनार के पत्ते बदलने लगे रंग
बशारत रशीद, डायरेक्टर सेल्स, ताज विवांता कहते हैं,  ‘'लोग हमें फोन कर रहे हैं और कश्मीर जाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.  वे घाटी के बारे में जाना चाहते है घाटी का अनुभव करना चाहते हैं. जैसा कि आप जानते हैं, गर्मी खत्म हो गई है और विंटर शुरू हो गई है. चिनार के पत्तों  ने रंग बदलना शुरू कर दिया है.  इस मौसम की  सुंदरता को बहुत सारे यात्री प्यार करते हैं. ऐसा मौसम और दृश्य देखने के लिए बहुत ही सीमित अंतरराष्ट्रीय सथल हैं और यह कश्मीर आने का सबसे अच्छा समय है. हम कोविड के संबंध में अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं.
 
मुश्किल में हैं बोट इंडस्ट्री के लोग
कश्मीर की विश्व प्रसिद्ध हाउस बोट इंडस्ट्री भी COVID का ख़ामियाज़ा भुगत रही है. इन हाउस बोट मालिकों के लिए गर्मियों का चरम का मौसम होता है क्योंकि देश भर में गर्मी के दौरान हजारों लोग घाटी में घूमते हैं. अब  विंटर टूरिज़्म इन लोगों के लिए आखिरी उम्मीद है. यह लगातार दूसरा सीज़न हैं जिनमें इसमें भारी नुकसान हुआ है और उनके लिए सरवाईव करना मुश्किल है. 'बशीर अहमद, हाउस बोट के मालिक ने कहा, ''हमने अपने होटल और हाउस बोट की सफाई की है. 


घाटी में भ्रमण के लिए आग्रह कर रहे कश्मीर के लोग 
हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार पर्यटकों को यहां आने के लिए कहेगी. हम देश के लोगों से भी कश्मीर आने का अनुरोध कर रहे हैं.  हमें उम्मीद है कि वे आएंगे, हमारी जीवन  इसी पर निर्भर है.  हमारे पास कमाई का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. हम घाटे में है. कश्मीर पर्यटन पर निर्भर करता है और उद्योग से जुड़े लाखों लोग भारी नुकसान से जूझ रहे हैं. अगर इस साल नुकसान जारी रहा, तो हजारों लोगों की नौकरियां चली जाएंगी और बहुत से कारोबारियों को कारोबार के पास कारोबार बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.