कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने अगले हफ्ते मनाये जाने वाले राज्य के प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम त्योहार में 54 वर्षीय गजराज के भाग लेने की इजाजत देने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि संबद्ध अधिकारियों को इस विषय पर कोई फैसला करना चाहिए. गौरतलब है कि यह भारत का सबसे ऊंचा हाथी है और आंशिक रूप से दृष्टि बाधित भी है. 


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यह याचिका जब विचार करने के लिए आई, तब न्यायमूर्ति अनु शिवरमन ने कहा कि तेचीक्कोत्तुकावु रामचंद्रन नाम के इस हाथी के पूरम त्योहार की महत्वपूर्ण रस्म में भाग लेने के बारे में फैसला संबद्ध अधिकारियों को करना है. अपनी याचिका में हाथी के मालिकों ने कहा है कि वे इस बारे में चिंतित हैं क्योंकि जिले के अधिकारी उसे इस रस्म में भाग लेने की इजाजत नहीं दे सकते हैं. 


अदालत ने हस्तक्षेप से किया इंकार
अदालत के इस विषय में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के चलते विशेषज्ञ समिति को इस मुद्दे पर कोई फैसला करना होगा. समिति की अध्यक्षता त्रिशूर जिला कलेक्टर करेंगे और इसमें संभागीय वन अधिकारी एवं पशु चिकित्सक सहित विशेषज्ञ शामिल होंगे. 



प्रशासन ने रामचंद्रन की परेड पर लगा रखी है रोक
हालांकि, प्रशासन ने किसी भी त्योहार में रामचंद्रन की परेड कराने पर प्रतिबंध लगा रखा है. दरअसल, कुछ समय पहले वह मतवाला हो गया था और उसने कुछ लोगों और हाथियों की जान ले ली थी.