LIVE: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पास, पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े, जानें अब तक क्या-क्या हुआ
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया. केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि जम्मू कश्मीर बिल को वह मंगलवार (6 अगस्त) को लोकसभा में पेश करेगी.
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया. गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही सरकार ने कश्मीर से आर्टिकल 35ए को हटा दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद 35ए को हटाने को लेकर गजट नोटिफिकेश भी जारी कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि जम्मू कश्मीर बिल को वह मंगलवार (6 अगस्त) को लोकसभा में पेश करेगी.
इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज (सोमवार) सुबह प्रधानमंत्री आवास (7 लोक कल्याण मार्ग) पर कैबिनेट की अहम बैठक हुई. ऐसा बताया जा रहा है कि इस बैठक में जम्मू कश्मीक की स्थिति को लेकर चर्चा हुई है. इस बैठक से पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई थी. कैबिनेट बैठक के शुरू होने से 1 घंटा पहले गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए थे.. पीएम आवास पहुंचने से पहले गृह मंत्री ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से भी मुलाकात की थी.
नवीनतम अद्यतन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल पास होने पर अमित शाह को बधाई दी.
सभापति वेंकैया नायडू ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने की घोषणा करनेे के साथ ही सदन को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया.
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा में पास, पक्ष में 125 और विपक्ष 61 वोट पड़े
तकनीकी खराबी होने के चलते पर्ची से वोटिंग हो रही है.
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा में वोटिंग हो रही है.
शाह ने कहा कि 1950 से हमारी पार्टी के घोषणापत्र में धारा370 और 35ए को हटाने की बात कही जा रही है. मैंने आज कोई बम नहीं फोड़ा है.
शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने सदन में कहा सरदार पटेल जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान को देने के पक्ष में थे, लेकिन मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं कि वे सरासर गलत कह रहे हैं. मैंने गृहमंत्रालय की फाइल पढ़ी है, जिसमें कहीं भी यह बात नहीं है.
शाह ने कहा कि ये सभी मानते हैं कि धारा370 एक अस्थाई व्यवस्था है, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि क्या अस्थाई व्यवस्था 70 साल चल सकती है.
शाह ने कहा कि जो लोग धारा370 के नाम पर घाटी के युवाओं को गुमराह करते हैं, उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं.
शाह ने कहा कि जब-जब जम्मू कश्मीर में आतंकवादी खत्म होने को होता है तब-तब कुछ लोग धारा370 को लेकर जम्मू कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर देते हैं.
शाह ने कहा कि मैं गुलाम नबी आजाद साहब से पूछना चाहता हूं कि क्या अगर जम्मू कश्मीर की कोई लड़की उड़िया लड़के से शादी कर लेती है तो क्या उसे जम्मू कश्मीर के बाकी के अधिकार मिलेंगे.
सपा सांसद रामगोपाल यादव का नाम लेकर अमित शाह ने कहा कि इनकी पार्टी तो ओबीसी की राजनीति करती है, लेकिन शायद इन्हें मालूम नहीं है कि धारा370 के चलते जम्मू कश्मीर में ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलता है.
शाह ने कहा कि देश भर में 6-14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू कश्मीर के बच्चों को नहीं मिला. धारा370 के चलते जम्मू कश्मीर में प्राइवेट शिक्षण संस्थान नहीं जाते हैं.
शाह ने कहा कि केवल संस्कृति के आधार पर धारा370 के पक्षकार बने हुए हैं क्या वे जवाब देंगे कि आजादी के बाद क्या देश के अलग राज्य भारतीय गणराज्य का हिस्सा बने तो क्या उनकी संस्कृति खत्म हो गई.
शाह ने कहा कि अगर कोई कारोबारी जम्मू-कश्मीर में उद्योग लगाना चाहता है तो वह कैसे लगा सकता है. क्या धारा 370 के पक्षधर लोग इसपर जवाब दे पाएंगे.
शाह ने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख पूरी दुनिया का स्वर्ग है, लेकिन यहां पर्यटन को कभी भी बढ़ावा नहीं होने दिया गया. यहां धारा370 और 35ए के चलते अच्छे होटल वाले जमीन नहीं खरीद सकते हैं, इस वजह से यहां पर्यटन का बढ़ावा नहीं मिल पाया.
शाह ने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख पूरी दुनिया का स्वर्ग है, लेकिन यहां पर्यटन को कभी भी बढ़ावा नहीं होने दिया गया. यहां धारा370 और 35ए के चलते अच्छे होटल वाले जमीन नहीं खरीद सकते हैं, इस वजह से यहां पर्यटन का बढ़ावा नहीं मिल पाया.
जम्मू कश्मीर के लोगों के पास जमीन हैं, लेकिन उनके पास खरीदार नहीं है, इसलिए वहां गरीबी है- शाह
जम्मू कश्मीर के लोगों के पास जमीन हैं, लेकिन उनके पास खरीदार नहीं है, इसलिए वहां गरीबी है- शाह
शाह ने कहा, 2004-2019 तक जम्मू कश्मीर को दो लाख 77 हजार रुपए केंद्र से दिए गए. केंद्र सरकार ने 2011-2012 में केंद्र से जम्मू कश्मीर में प्रति व्यक्ति 14 हजार भेजे गए, लेकिन वहां गरीबी अभी भी है, इसके लिए धारा 370 जिम्मेदार है.
अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में तीन परिवारों ने मिलकर लोकतंत्र नहीं आने दिया. बारी-बारी से इन्होंने ही शासन किया.
अमित शाह ने कहा कि धारा370 के चलते जम्मू कश्मीर में गरीबी, बेरोजगारी और आतंकवाद मौजूद है.
विपक्ष के सवाल पर गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में जवाब दे रहे हैं.
जिन पीडीपी सांसदों ने संविधान फाड़ा था राज्यसभा में, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जायेगी.
मंगलवार (6 अगस्त) को लोकसभा में पेश किया जाएगा जम्मू-कश्मीर बिल.
आरएसएस ने कहा है, 'सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं. यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था. सभी को अपने स्वार्थों एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिये.'
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मिठाईयां बांटकर जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने की केंद्र सरकार की सिफारिश का स्वागत किया
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से अनुच्छेद 370 पर कहा गया है, 'इस अंतरराष्ट्रीय विवाद में एक पार्टी होने के नाते पाकिस्तान इन अवैध फैसलों के खिलाफ हर आवश्यक कदम उठाएगा. पाकिस्तान कश्मीर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता फिर जताता है.'
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया. केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार के नए प्रस्ताव से राज्य में शांति बढ़ेगी और विकास को गति मिलेगी.
370 और 35ए को हटाकर एक राज्य को खत्म किया, चुनाव के बाद फैसला होता तो अच्छा होताः गुलाम नबी आजाद
1947 के बाद भारत का सबसे बड़ा राजनीतिक फैसलाः राज्यसभा सांसद, डॉ सुभाष चंद्रा
डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कहा कि बिना जम्मू कश्मीर की जनता को विश्वास में लिए अनुच्छेद 370 को हटना लोकतंत्र की हत्या है.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सत्ता के नशे में चूर बीजेपी सरकार ने देश के सिर को काट दिया है. सभी राजनीतिक पार्टियां जम्मू कश्मीर के लिए लड़ती रहेंगी.
राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया
डॉ सुभाष चंद्रा ने कहा कि यह बिल कश्मीर को जन्नत बनाने वाला बिल है.
केंद्र की मोदी सरकार में सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का विरोध किया है.
जम्मू-कश्मीर से केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को आर्टिकल 35A हटाने के बाद उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के अन्य हिस्सों से 8000 अर्धसैनिक बलों के जवानों को विमानों के जरिये जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है.
इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में खुशी की लहर दौड़ गई.
विपक्षी दलों की तरफ से समाजवादी पार्टी और बसपा अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थन में हैं. वहीं कांग्रेस, पीडीपी और टीएमसी इसके विरोध में हैं.
इस तरह केंद्र सरकार ने 1954 के कानून में कई संशोधन किए हैं. अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष ने हंगामा करना शुरू दिया. नतीजतन राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.
जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश होगा. लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश होगा.
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक भी सदन में पेश किया है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का दो भागों में बंटवारा कर दिया है.
इसके साथ ही आर्टिकल 35-A को भी हटा दिया गया है. राष्ट्रपति ने 35A हटाने की मंजूरी भी दे दी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश करते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया.
गृह मंत्री अमित शाह पीएम आवास पर हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद संसद भवन पहुंचे
गृह मंत्री अमित शाह कैबिनेट मीटिंग के बाद संसद पहुंच चुके हैं.
गृह मंत्री अमित शाह सुबह 11 बजे राज्यसभा में और 12 बजे लोकसभा में जम्मू कश्मीर के हालात पर बयान देंगे.
पीडीपी सांसद नजीर अहमद और मीर मोहम्मद फैयाज ने कश्मीर के हालतों लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया. दोनों सांसदों ने काली पट्टी बांध रखी.
लोकसभा में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के हालात के बारे में बयान देंगे.
लोकसभा में आज कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने को लेकर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है.
राज्यसभा में आज की सारी कार्यवाही स्थगति कर दी गई है, 11 बजे से सिर्फ जम्मू कश्मीर पर ही चर्चा होगी.
इस बीच बीजेपी ने लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को व्हिप जारी कर 5-7 अगस्त तक संसद में रहने को कहा है.
पीएम मोदी की आवास पर सीसीएस की बैठक खत्म, अब कैबिनेट की अहम बैठक शुरू हो गई है.
गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर सीसीएस की बैठक में शामिल.
कैबिनेट बैठक से पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी यानि सीसीएस की बैठक होनी है. इस बैठक में प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री शामिल होंगे.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, मनीष तिवारी और के सुरेश ने लोकसभा में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
कश्मीर प्रशासन में ज्यादातर महत्वपूर्ण अधिकारियों को सैटेलाइट फोन दिये गये, ताकि संवाद और समन्वय में कोई तकलीफ नहीं हो
अमित शाह के अलावा एनएसए अजीत डोवाल भी पीएम आवास पर कैबिनेट मीटिंग शुरू होने से एक घंटे पहले ही पहुंच गए हैं
पीएम आवास पर होने वाली कैबिनेट की बैठक में जम्मू कश्मीर में 35A पर फैसला होने की अटकलें
गृह मंत्री अमित शाह कैबिनटे बैठक से 1 घंटा पहले ही पीएम आवास पहुंच गए है.
सुबह 09.30 बजे शुरू होने वाली कैबिनेट बैठक से पहले अमित शाह की सुबह केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से भी चर्चा हुई है.