इंदौर: कोरोना वायरस (coronavirus) संक्रमण की जद में आए 58 वर्षीय पुलिस निरीक्षक की मंगलवार तड़के यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन के नीलगंगा थाने के प्रभारी ने इंदौर के अरविंदो अस्पताल में इलाज के दौरान आखिरी सांस ली. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस निरीक्षक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्विटर पर कहा, "कोविड-19 से लड़ते हुए कर्तव्य की बलिवेदी पर प्राण त्याग देने वाले उज्जैन के नीलगंगा क्षेत्र के थाना प्रभारी को विनम्र श्रद्धांजलि. ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें व शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें. हम सब उनके परिवार के साथ हैं."


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उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रूपेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पुलिस निरीक्षक का उज्जैन के एक निजी अस्पताल में चार दिन तक इलाज चला था. हालत गंभीर होने पर उन्हें 10 दिन पहले इंदौर के अरविंदो अस्पताल भेजा गया था. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.


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एएसपी ने बताया कि पुलिस निरीक्षक के शोकसंतप्त परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं. उनकी पत्नी नजदीकी धार जिले में तहसीलदार के रूप में पदस्थ हैं. अरविंदो अस्पताल के चिकित्सक विनोद भंडारी ने बताया कि उनके अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले पुलिस निरीक्षक पिछले 48 घंटे से वेंटिलेटर पर थे. उन्हें सांस लेने में गंभीर समस्या हो रही थी. उन्हें उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) था.


अधिकारियों ने संदेह जताया कि पुलिस निरीक्षक उज्जैन की अम्बर कॉलोनी के निषिद्ध क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण की जद में आये थे. इससे पहले, इंदौर के जूनी इंदौर थाने के प्रभारी के रूप में ड्यूटी के दौरान 41 वर्षीय पुलिस निरीक्षक कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे. उनकी शनिवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई थी.


अधिकारियों के मुताबिक इंदौर के पुलिस निरीक्षक हालांकि इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो गये थे. चिकित्सकों ने संदेह जताया है कि उनकी मौत का तात्कालिक कारण पल्मोनरी एम्बोलिज्म (धमनी में खून का थक्का जमने से जुड़ी समस्या) है. लेकिन इस बात की भी संभावना है कि उनमें पल्मोनरी एम्बोलिज्म की समस्या कोरोना वायरस संक्रमण के कारण ही उत्पन्न हुई हो.


(इनपुट: एजेंसी भाषा)