मुंबई: लोकसभा चुनावों के बाद महाराष्‍ट्र के विधानसभा चुनावों में भी महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी का गठबंधन कांग्रेस और एनसीपी के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकता है. ओवैसी ने देशभर में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. प्रकाश अंबेडकर के साथ मिलकर एआईएमआईएम महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. महाराष्‍ट्र में पहले से मजबूत लग रहे बीजेपी शिवसेना गठबंधन पहले से ही मजबूत नजर आ रहा है. ऐसे में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन कमजोर नजर आ रहा है.


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लोकसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत जीत के बाद अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. यहां भी बीजेपी और शिवसेना बाजी मारने की तैयारी में जुट गई है. महाराष्ट्र में अक्‍टूबर में चुनाव हैं. सूबे में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन ने 41 लोकसभा सीटें जीत कर राज्य की विरोधी पार्टियों का सूपड़ा साफ कर दिया है. लोकसभा को ही आधार माना जाए तो राज्‍य की 225 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने बढत पा ली है. केंद्र में प्रचंड बहुंमत के साथ मोदी सरकार दोबारा आई है.


अब महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस मजबूत स्‍थ‍िति‍ में नजर आ रहे हैं. दरअसल महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की प्रचंड जीत में बड़ी वजह एआईएमआईएम और प्रकाश अंबेडकर के गठबंधन बहुजन का भी हाथ है. इस गठबंधन ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगा दी. बीजेपी और शिवेसना गठबंधन की झोली में 48 में से 41 सीटें आईं हैं. 25 सीट पर चुनावी समर में उतरी बीजेपी को 23 पर जीत मिली, जबकि शिवसेना के कोटे की 23 सीटों पर लडे 18 उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब रहे.


कांग्रेस-एनसीपी का सूपडा साफ
एनसीपी की झोली में 5 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस महज एक सीट पर जीत सकी. एआईएमआईएम और प्रकाश अंबेडकर के गठबंधन ने सूबे की सभी 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर फडणवीस सरकार के लिए आगे का रास्‍ता आसान कर दिया है. महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री सुधीर मुंगंटीवार का दावा है कि विधानसभा में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की प्रचंड जीत तय है.


दलित और मुस्लिम वोट बैंट की बिसात पर महाराष्ट्र में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने इतिहास रचते हुए बहुजन वंचित आघाडी के टिकट पर औरंगाबाद संसदीय सीट पर जीत दर्ज कर हैदराबाद से बाहर देश में पहली बार लोकसभा सीट पर खाता खोला है. मुंबई समेत महाराष्ट्र भर में कांग्रेस और एनसीपी के वोट बैंक में सेंध लगाई. आघाडी के उम्मीदवारों को सूबे की 12 संसदीय क्षेत्र में 1 से 3 लाख वोट मिले, जबकि राज्य में एमआईएम. और प्रकाश अंबेडकर की आघाडी ने 40 लाख वोट हासिल किए. कांग्रेस के दिग्गज पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, सुशील कुमार शिंदे सरीखे चेहरे लोकसभा चुनाव में हार गए.


बहुजन वंचित आघाडी को सबसे ज्यादा सांगली लोकसभा सीट पर 300234 वोट मिले, जबकि अकोला में 278848, बुलढाणा- 172627, चंद्रपुर- 112079, गडचिरौली - 111468, हातकणंगले - 123419, हिंगोली - 174051, लातुर - 112255, नांदेड - 166196, नाशिक-166196, परणभी-149946 और सोलापुर संसदीय सीट पर 170007 वोट हासिल किए.


इधर, एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक के मुताबिक जमीनी मुद्दे जोर पकड़ रहे हैं और विधानसभा चुनाव में हालात उनके पक्ष में होंगे. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस की अगुवाई में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार है. फिलहाल महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 122 विधायक और शिवसेना के विधायकों की संख्या 62 है. जबकि विपक्षी दलों में कांग्रेस 42 और एन.सी.पी के 41 विधायक हैं. सूबे की सियासत में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को चुनौती देने के लिये राज ठाकरे की एमएनएस भी लोकसभा चुनावी प्रचार में औंधे मुंह गिरी है. राज ठाकरे की एंटी मोदी रैलियों का जरा भी असर नहीं दिखाई पड़ा है. एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार की दर्जनों रैलियों का भी असर कारगर नहीं हुआ.