जलगांव: चंद रुपयों के दम पर किस तरह से फर्जी दस्तावेज बनाए जाते हैं इसका एक उदाहरण महाराष्ट्र के आरटीओ में देखने को मिला है. दरअसल, महाराष्ट्र के जलगांव जिले के आरटीओ में पैसे देकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नाम पर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का मामला सामने आया है. मामला उजागर होने के बाद से ही जलगांव आरटीओ की कार्यशैली पर सवाए उठने लगे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानकारी के मुताबिक, किसी ने एजेंट को पैसे देकर देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी के नाम पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया. लाइसेंस में उनकी फोटो भी लगी है. यह लाइसेंस ट्रैक्टर चलाने वाले के लिए जारी किया गया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के नाम पर बने लाइसेंस पर मंत्री गिरीश महाजन और नितिन गडकरी के नाम पर बने लाइसेंस पर भाजपा विधायक एकनाथ खडसे के घर का पता लिखा है. 

यह भी पढ़ें: VIDEO: कभी छत तो कभी गेट पर लटक कर, मुंबई लोकल में होते हैं ऐसे खतरनाक स्टंट


मंत्रियों के नाम पर जारी किए गए इस ड्राइविंग लाइसेंस पर उनके पिता के नाम भी लिखे गए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को 2233/2004 नंबर का लाइसेंस जारी किया गया है. फर्जी तरीके से बनाए गए इस महत्वपूर्ण दस्तावेज पर आरटीओ का स्टैंप और हस्ताक्षर भी देखा जा सकता है. मिली जानकारी के अनुसार इस लाइसेंस के लिए आरटीओ ने 180 रुपए का चालान भी काटा था.     


वहीं, पूरे मामले पर जलगांव आरटीओ अपना पल्ला झाड़ती नजर आई. आरटीओ का कहना है की यह लाइसेंस साल 2004 में ईश्वर पाटील और नामदेव देवराज के नाम पर जारी किए गए थे. साल 2018 में उन्हें रीन्यू करना था. उन्होंने कहा कि लाइसेंस रीन्यू कराने के दौरान उसमें छेड़छाड़ कर सीएम और परिवहन मंत्री के नाम पर लाइसेंस जारी कर दिए गए. उन्होंने कहा कि लाइसेंस पर फर्जी स्टैंप और हस्ताक्षर हैं. पुलिस को इसकी शिकायत दी गई है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.