औरंगाबाद: महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त इलाके में पानी पहुंचाने वाले औरंगाबाद के जायकवाडी डैम के 8 दरवाजे आधा फिट तक खोल दिए गए हैं. बांध के इस दरवाजे से करीब 4 हजार 192 क्युसेस पानी छोड़ा गया है. आपको बता दें कि जायकवाडी डैम गोदावरी नदी पर बना हुआ है. फिलहाल डैम में 91.87 फीसदी पानी भर गया है. यहां आपको यह भी बता दें कि इस पानी से गोदावरी के किनारे पर बसे मराठावाड़ा के औरंगाबाद, जालना, बीड आणि परभणी जिले गोदावरी गांवों की प्यास बुझेगी. पिछले साल जायकवाडी डैम सिर्फ 60 फीसदी भरा था. इसीलिए यह माना जा रहा है कि  सूखाग्रस्त इलाके मराठावाडा के 4 जिलों के लिए यह मानसून अच्छी खबर लेकर आया है.


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प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल जायकवाडी डैम से गोदावरी डैम के दरवाजा नंबर 10, 14, 16, 18, 19, 21, 23 और 27 से पानी छोड़ा जा रहा है. डैम से तकरीबन 4 हजार 192 क्यूसेक्स पानी छोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही पैठण के जलविद्युत केंद्र से 1589 क्युसेक पानी छोड़ा जा रहा है. एक ओर जहां यह महाराष्ट्र के कुछ जिलों के लिए अच्छी खबर है तो वहीं कुछ महाराष्ट्र के तमाम इलाकों में आई बाढ़ ने वहां का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. तमाम हेक्टेयर कृषि भूमि डूब गई है. लोगों की खड़ी फसल और सब्जियों की खेती पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. कई इलाकों का संपर्क मार्ग कट चुका है.
 


महाराष्ट्र सरकार का बाढ़ पीड़ितों के लिए बड़ा ऐलान
महाराष्ट्र में आई बाढ़ को लेकर सोमवार (13 अगस्त) को सीएम फडणवीस सरकार की मंत्री परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया गया. 1 से 9 अगस्त के दौरान हुई भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हुई. फड़नवीस सरकार केंद्र के पास मदद के 2 प्रस्ताव भेजने वाली है. पहले प्रस्ताव में सातारा, सांगली और कोल्हापुर इलाके का समावेश है जिसके लिए के 4700 करोड़ रुपये की मांग राज्य सरकार केंद्र से करेगी बाकि बचे कोकण, नासिक और बाढ़ पीड़ित महाराष्ट्र के अन्य इलाकों के लिए 2105 करोड़ रुपये की मांग करेगी. यानि कुल 6,813 करोड़ रुपये की मांग केंद्र से फड़नवीस सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए करेगी.



केंद्र की मदद की राह देखे बगैर राज्य सरकार अपने स्टेट डिज़ास्टर रिलीफ फन्ड से भी मदद करेगी. बाढ़ पीड़ितों के मदद के लिए सरकार ने रकम बढ़ायी है. जिसमें, मृत व्यक्तियों के लिए 300 करोड़, बचाव कार्य के लिए 25 करोड़, राहत शिबीर के लिए 27 करोड़, बाढ़ से आयी मिट्टी, कीचड़ और गंदगी साफ करने के लिए 66 से 70 करोड़ रुपये, फसल के नुकसान के लिए 2088 करोड़ और बाढ़ में मारे गए मवेशियों के लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है.