नई दिल्ली: चंबल का नाम सुनते ही दिमाग में डकैतों का खौफ भर जाता है. मगर अब हालात बदलने वाले हैं. केंद्र सरकार की योजना के तहत चंबल के बीहड़ इलाके को कृषि योग्य भूमि में बदलने का प्लान है. इसके लिए विश्वबैंक से सहयोग मिलेगा.इसकी जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को दी.


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नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट तैयार होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि विश्वबैंक के प्रतिनिधि आदर्श कुमार के साथ वर्चुअल बैठक में यह फैसला लिया गया है. विश्वबैंक मध्य प्रदेश में काम करने के में दिलचस्पी दिखा रही है.


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तीन लाख हेक्टेयर भूमि खेती योग्य नहीं
नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि चंबल में तीन लाख हेक्टेयर से अधिक उबड़ खाबड़ जमीन खेती योग्य नहीं है. इस दिशा में सुधार होने से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बीहड़ों के एकीकृत विकास होगा. इस परियोजना से पर्यावरण में सुधार होगा और रोजगार भी मिलेगा. 


कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि प्रस्तावित परियोजना पर काम शुरू करने से पहले बुनियादी ढांचे, पूंजी लागत और निवेश जैसे सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा.


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