मुंबईः राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन पर तीखी टिप्पणी की है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम राणे ने बीजेपी-शिवेसना गठबंधन पर कहा, 'यह तो होना ही था, लेकिन आप यह ध्यान से देखें कि गठबंधन होने के बावजूद भी दोनों नेताओं के चेहरे पर खु़शी नहीं दिखाई दी. आने वाले चुनाव में दोनो पार्टियां भले ही साथ में आ जाए, लेकिन शिवसेना का पतन रोकना मुश्किल है..क्योंकि उसका दोगलापन साफ दिख रहा है.' राणे ने दावा किया कि शिवसेना को महाराष्ट्र की 23 सीटों में से 10 सीट भी नहीं मिलेंगी.


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बीजेपी समर्थित महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के नेता राणे ने आज मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना पर जमकर वार किए. राणे ने कहा, 'अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाली शिवसेना अब किस मुंह से गठबंधन कर रही है? क्या यह गठबंधन मुंबई महानगरपालिका में शिवसेना जो इतने सालों से भ्रष्टाचार कर रहीं है उससे छुपाने के लिए किया गया है?'  


नारायण राणे ने कहा, 'भले ही दोनों पार्टियां साथ आई है, लेकिन स्थानीय स्तर पर दोनों पार्टियों  के कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. जिसका खामियाजा दोनों ही पार्टियों को उठाना पडेगा.' 


बता दें कि कभी शिवसेना और कांग्रेस में रहे नारायण राणे बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा सांसद बने है. गठबंधन के बाद नारायण राणे ने कहा कि वह खुद (महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष)  के बलबूते पर चुनाव भी लड़ेंगे और जीतेंगे भी. उन्होंने कहा कि वह खुद बीजेपी को पत्र लिखकर बताने वाले है कि पार्टी की घोषणापत्र समिती से उनका नाम हटाया जाए. 


लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राणे ने अपने सारे पत्ते तो अभी नहीं खोले हैं, लेकिन खुद की पार्टी तैयार कर उसे मजबूत करने का फैसल ले लिया है.  नारायण राणे के संगठन की कोंकण इलाके में अच्छी पैठ हैं. आज राणे ने ऐलान किया वह आनेवाले लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर अपने (महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष) उम्मीदवार खडे करेंगे. 


नारायण राणे ने यह भी साफ कर दिया है की वह बीजेपी के खिलाफ अपने उम्मीदवार खडे नहीं करेंगे. ना ही वह बीजेपी के बारे में कुछ कहेंगे. क्योंकि बीजेपी नें उन्हें सांसद बनाया है. लेकिन शिवसेना के खिलाफ उनकी जो राय है, वह अब भी कायम है और शिवसेना के विरोध में वह काम करते रहेंगे.