भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने चक्रवात फोनी के बाद पुरी जिले के एक अभयारण्य से लापता हुए लगभग 4,000 हिरणों का पता लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग करने का मंगलवार को फैसला किया.


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एक अधिकारी ने बताया कि भीषण चक्रवाती तूफान के तीन मई को तटीय जिले पर दस्तक देने के बाद पुरी एवं कोणार्क नगरों के बीच 72 वर्ग किलोमीटर तक फैले बालूखंड-कोणार्क अभयारण्य के ज्यादातर हिरणों का कुछ अता पता नहीं चल सका.



वन्यजीव प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) ए के महापात्रा ने कहा, 'अभयारण्य के भीतर व्यापक तलाश के बाद हमें अब तक केवल एक लापता हिरण का कंकाल मिल पाया है. हालांकि, अन्य जानवरों का कोई सुराग नहीं मिला है.'



महापात्रा ने कहा कि आम तौर पर हिरण भोजन की तलाश में रात में अपने ठिकानों से बाहर निकलते हैं लेकिन वन अधिकारियों ने दोपहर के वक्त जानवरों की तलाश की और उन्हें नहीं खोज पाए. अधिकारी ने कहा कि इन हिरणों का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरों का प्रयोग किया जाएगा.


महापात्रा ने कहा, 'चूंकि केवल एक हिरण का कंकाल मिला है, हमारा मानना है कि अन्य भी जीवित हैं भले ही दोपहर की तलाश के दौरान उनका पता नहीं चल पाया हो.' वन अधिकारियों का कहना है कि अभयारण्य में मौजूद काजू के कई पेड़ों ने हिरणों की जान बचा ली होगी.