पंजाब (मनीष शर्मा)। जम्मू कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) में हुए आतंकी हमले को आज पूरा एक साल हो गया. आज ही के दिन आतंकवादियों ने सीआपीएफ के काफिले पर कायराना हमला किया था, इस हमले में हमारे 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले में शहीद होने वाले जवानों में एक नाम सुखजिंदर सिंह का है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पंजाब के जिला तरन तारन के गांव गंडीविंड में रहने वाले शहीद सुखजिंदर सिंह पर पूरे गांव को गर्व है. अपने जवान बेटे को खोने वाले इस परिवार के सदस्य चाहते हैं कि उनकी पीढ़ी का हर बच्चा बड़ा होकर सेना में जाए और देश की सेवा करे. 


सुरेंद्र सिंह के परिवार में उनकी मां, पिता, भाई के अलावा उनकी पत्नी और डेढ़ साल का बेटा गुरजोत है. सुखजिंदर सिंह की पत्नी बताती है कि उन्होंने गुरजोत को कई मन्नतें मांगने के बाद 7 साल बाद पाया. 28 जनवरी 2019 को शहीद सुखजिंदर सिंह अपने बेटे के पहले जन्मदिन पर घर आए थे और उसके जन्मदिन पर खूब नाचे भी थे और फिर कुछ दिन बाद दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौट गए. घर से जाने के दो दिन बाद ही उनकी शहादत की खबर आई. 


सुखजिंदर सिंह के पिता का कहना है कि उनके बेटे के शहीद होने के बाद पूरे परिवार को उनकी कमी खलती है लेकिन उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी. उन्होंने कहां कि वे चाहते हैं कि उनका पौता भी बड़ा होकर सेना में भर्ती हो और देश की सेवा करें. 


वहीं दूसरी तरफ शहीद सुखजिंदर सिंह के भाई गुरजंट सिंह का कहना है कि पूरा देश सुखजिंदर सिंह को कभी नहीं भूल सकता. सुखजिंदर सिंह बहुत जिंदादिल इंसान थे. उनमें देश प्रेम की भावना कूट कूट कर भरी थी. गुरजंट सिंह ने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और कई सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं. गुरजंट सिंह का कहना है कि उनका पूरा परिवार देश की सेवा के लिए हर समय तैयार है और जरूरत पड़ने पर जान भी निछावर कर देगा.