चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इन दिनों कांग्रेसी विधायकों के साथ प्री बजट मीटिंग्स में व्यस्त हैं और यह सिलसिला शनिवार (18 जनवरी) को भी दिन भर चलता रहा. पटियाला हल्का सहित कई अन्य हलके के विधायकों ने भी शनिवार को मीटिंग में पहुंचकर अपने अपने हलके में होने वाले कामों की करोड़ों रुपये की फेहरिस्त मुख्यमंत्री के सामने रखी. इन मीटिंग्स में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रशासन के आला अधिकारी भी हाजिरी दे रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री की विधायकों के साथ हो रही इन मीटिंग्स को डेमेज कंट्रोल के रूप में भी देखा जा रहा है. 


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पंजाब के कांग्रेसी विधायकों के लिए इन दिनों मुख्यमंत्री दरबार दिल खोल कर लगा हुआ है. हाल ही में हुए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के कई दिन पहले से ही मुख्यमंत्री अलग अलग हल्के के विधायकों के साथ प्री बजट मीटिंग्स करने में व्यस्त है और यही सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा. शनिवार को भी पटियाला सहित कई अन्य हलकों के विधायकों ने मुख्यमंत्री दरबार में जाकर अपने अपने हलके में जरूरत के हिसाब से किये जाने वाले करोड़ों रुपये के कामों की लंबी लंबी सूचियां मुख्यमंत्री के सामने रखी.


इनमे मुख्यमंत्री के समर्थक आम आदमी पार्टी के विधायक नजर सिंह मानशाहिया भी पहुंचे. विधायक  मदन लाल जलालपुर , विधायक नजर सिंह मानशाहिया , विधायक अजायब सिंह भट्टी , विधायक और सुरजीत धीमान , विधायक ने बताया कि वो अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में जो जो काम होने वाले है उनकी सूची ओर इन कामों में कितना पैसा खर्च होगा इसकी जानकारी लेकर बैठक में पहुंचे हैं.


बहरहाल प्री बजट के नाम पर मुख्यमंत्री की विधायकों के साथ हो रही इस मंत्रणा को डेमेज कंट्रोल के तोर पर समझा जा रहा है. गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस के कई विधायकों ने पिछले दिनों अपनी ही सरकार के खिलाफ खुल कर नारजगी जताई है. विधायकों की नाराजगी अफसरशाही दुआरा ना सुनने और विकास के काम ना होने से है. कांग्रेसी विधायकों की नाराजगी के माहौल में आग में घी पिछले दिनों कांग्रेसी सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने डाल दिया जिन्होंने कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री को निशाना बना कर एक के बाद एक सियासी तीर छोड़े.


समझा जा रहा है कि कांग्रेस का खराब होता अंदुरनी इससे पहले कि हालातों को काबू से बाहर कर दे इसलिए मुख्यमंत्री ने विधायकों की नाराजगी दूर करने की कसरत प्री बजट मीटिंग्स के रूप में शुरू कर दी है. फिलहाल मुख्यमंत्री के साथ हो लगातार हो रहे मीटिंग्स के इस महोत्स्व में विधायकों को खुल कर मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय भी मिल रहा है और उनके सामने अपनी बात रखने का अवसर भी मिल रहा है. देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री की यह कोशिश केवल कांग्रेस के डेमेज कंट्रोल करने तक ही सिमित रहती है या फिर जनता का भी इसमें कोई कल्याण हो पाएगा क्यूंकि इन मीटिंग्स में मुख्यमंत्री विधायकों को उनके हलके में विकास कार्यों को गति देने का भरोषा भी दे रहे हैं.