अंकित तिवाड़ी, जयपुर: मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र पहली नजर में शहरी क्षेत्र के वाणिज्यिक केंद्र की तरह दिखाई पड़ता है. मिश्रित इकाइयों में अधिकतर कामकाज एमएसएमई श्रेणी का है. 161.75 एकड़ में फैला  औद्योगिक क्षेत्र तीन तरफ से पहाड़ और झालाना वन क्षेत्र ने घिरा हुआ है जो औद्योगिक क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य में इजाफा करता है. इस क्षेत्र में निर्मित होने वाले उत्पाद देश विदेश में अपनी धाक जमाए हुए हैं.


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मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र को साल 1979-80 में बसाया गया था. घोषणा के अगले 6 सालों में इस औद्योगिक क्षेत्र का पूरी तरह विकास कर लिया गया. जयपुर उस समय परकोटे से बाहर निकलने लगा था. ऐसे में शहर की सीमा से लगते मालवीय नगर क्षेत्र में इस औद्योगिक भूखंड की मांग भी जबरदस्त रही. कम प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को मालवीय नगर में प्रमुखता से भूखंडों का आवंटन किया गया. आगरा, दिल्ली और टोंक रोड से जुड़ाव ने इस औद्योगिक क्षेत्र को कारोबार के लिए मुफीद जगह बनाया. ट्रांसपोर्ट नगर पास होने से भारी परिवहन के संसाधनों का भी इस क्षेत्र में अभाव नहीं रहा. रीको के सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर एस के गुप्ता का कहना हैं कि इस औद्योगिक क्षेत्र की सबसे बड़ी यूएसपी इसका शहर के पास होना है. यहीं वजह है कि इस औद्योगिक क्षेत्र में सभी भूखंडों को उद्यमियों ने हाथों हाथ लिया.


आहुजा ओवरसीज के विजय आहुजा का कहना हैं कि इस औद्योगिक क्षेत्र की यही खूबी हैं कि ये शहर के पास भी हैं और आउटर एरिया में भी. जयपुर एयरपोर्ट से नजदीकी का भी लाभ इस क्षेत्र को मिलता हैं. मिश्रित इकाइयां होने से समूह में आने वाले बॉयर्स के लिए एक ही क्षेत्र में कई तरह के उत्पाद भी उपलब्ध हैं. ढाबरिया प्लाईवुड लिमिटेड के दिग्विजय ढाबरिया का कहना है कि क्षेत्र में इनावेशन के लिए उम्दा जगह हैं. उद्योग संचालन के लिए यह जगह कई मायनों में सहयोगी है. कुछ समस्याएं भी हैं जिनका निदान हो तो उत्पादन करने में सहजता होगी.


मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र में कौशल सेंटर भी संचालित हो रहे हैं. गारमेंट सेक्टर में कुशल श्रमिकों की कमी को दूर करने में इनकी अहम भूमिका है. औद्योगिक क्षेत्र में देश की उत्पाद निर्माण आवश्यकताओं में भागीदारी के साथ निर्यात कारोबार बढ़ाने में सहयोगी भूमिका निभा रहे हैं. दो दर्जन देशों में यहां बने उत्पाद सप्लाई किए जा रहे हैँ.