दिनेश दुखंडे/मुंबई: पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों और राफेल सौदे को लेकर विपक्षी भंवर में घिरी मौजूदा केन्द्र सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है. इस बार यह झटका किसी विरोधी की तरफ से नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से मिला है, उसने बातों ही बातों में बीजेपी सरकार के कान खींचने जैसा काम किया है. पिछले लोकसभा के चुनावों में जीत दिलाने में संघ प्रचारकों की अहम भूमिका मानी जाती है, इस लिहाज से देखा जाए तो इस घटनाक्रम से कई मोर्चों पर संकट का सामना कर रही बीजेपी को और संकट का सामना करना पड़ सकता है.


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"राजनेताओं का खुद को सबकुछ मान लेना सोचनीय"
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने केन्द्र की बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, "चुनाव जीतने के बाद कहां लुप्त हुआ सेवाभाव? क्या सत्ता प्राप्ति यही एकमात्र उद्देश्य है?" उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा, "राजनेताओं का खुद को सबकुछ मान लेना सोचनीय है."


"धर्म का मामला कोर्ट में जाना दुर्भाग्यपूर्ण"
आपको बता दें कि संघ के सरकार्यवाह (GS) भैय्याजी जोशी मुंबई में भारत विकास परिषद के कार्यक्रम मे बोल रहे थे. जोशी ने बीजेपी को चेताते हुए आगे कहा, "याद रहे कि सत्ता समाज नहीं बदल सकती. राजा का सामाजिक परिवर्तन करने वाली संस्था में हस्तक्षेप चिंताजनक है. उन्होंने आगे कहा, "धर्म का मामला कोर्ट में जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. धार्मिक क्षेत्र में साधू-संत, संन्यासियों को समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए. धर्म के मामले जब कोर्ट में जाते हैं, तो वेदना होती है. जिन्हें न्याय करना चाहिए, वही न्याय मांगने जा रहे हैं इससे बड़ी विडंबना नहीं हो सकती."


"राष्ट्र निर्माण में समृद्ध धर्म की रचनात्मक भूमिका" पर बोल रहे थे भैय्याजी जोशी
जानकारी के मुताबिक आरएसएस में नंबर दो की भूमिका निभाने वाले सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी कार्यक्रम में "राष्ट्र निर्माण में समृद्ध धर्म की रचनात्मक भूमिका" इस विषय पर बोल रहे थे. यह कार्यक्रम भारत विकास परिषद के दादर के स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक हॉल में हो रहा था.